पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के स्थानीय पर्व इगास (बूढ़ी दिवाली) पर छुट्टी का एलान किया था। लेकिन तभी से राज्य के लोग छुट्टी किस दिन रहेगी असमंजस में थे। क्योंकि यह इगास लोक पर्व दीपावली के ठीक 11 दिन बाद पड़ता है। लेकिन इस बार ज्योतिषियों के अनुसार यह 14 और 15 नवंबर को मनाया जाएगा। 14 नवंबर को रविवार होने की वजह से वैसे ही अवकाश रहता है। लेकिन अब राज्य सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इगास पर अवकाश 15 नवंबर दिन सोमवार को रहेगा। जिसका आदेश शुक्रवार को जारी कर दिया गया है। इगास पर्व 14 के साथ ही 15 नवंबर को भी मनाया जा सकता है। इस वर्ष प्रबोधनी स्मार्थ एकादशी है। जो 14 नवंबर की सुबह 6.40 बजे शुरू होकर 15 नवंबर को 12. 47 मिनट बजे तक रहेगी। उन्होंने बताया कि इगास पर्व का मुख्य दिवस 14 नवंबर है, लेकिन एकादशी के दो दिनों तक जाने के चलते 15 नवंबर को भी मनाई जा सकती है।
दिवाली के 11 दिन बाद पहाड़ में एक ओर दिवाली मनाई जाती है, जिसे इगास कहा जाता है। इस दिन सुबह मीठे पकवान बनाए जाते हैं और शाम को भैलो जलाकर देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। पूजा-अर्चना के बाद ढोल-दमाऊं की थाप पर भैलो (भीमल या चीड़ की लकड़ी का गट्ठर) जलाकर घुमाया जाता है और नृत्य किया जाता है। दूसरी ओर राज्यसभा सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी सांसद अनिल बलूनी ने इगास पर छुट्टी घोषित करने पर मुख्यमंत्री धामी का आभार व्यक्त किया है। बलूनी पिछले कुछ वर्षों से गांवों में जाकर इगास (बूढ़ी दिवाली) मनाने की मुहिम चला रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि मित्रों मैं इगास (बूढ़ी दिवाली) पर अपने गांव जाकर उत्सव मनाने वाला हूं। आप सबसे आग्रह है कि आप भी अपने गांव जाकर इगास बूढ़ी दिवाली मनाएं।