हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटने की वजह से बहुत तबाही हुई है। कई इमारतों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। कई लोगों के लापता हो जाने की भी सूचना है। इन लोगों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन भी चलाया जा रहा है। इसी बीच, विक्रमादित्य सिंह ने भी बड़ा दावा कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस घटना में करीब 50 लोगों के मारे जाने की आशंका है। मंत्री ने यह भी कहा कि सर्च ऑपरेशन चलाने के बाद ही ऑफिशियल संख्या बताई जा सकती है। मंत्री ने शनिवार को बताया कि इस समय सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी शवों को निकालना और राज्य के बाढ़ प्रभावित हिस्सों में संपर्क बहाल करना है। बुधवार की रात को कुल्लु, मंडी और शिमला में बादल फटने से बाढ़ आई गई जिसमें लोोगं को काफी नुकसान हुआ है। यह बाढ़ इतनी ज्यादा भयंकर थी कि हिमाचल का समेज नाम का एक पूरा का पूरा गांव ही बह गया। आधिकारिक तौर पर इस घटना में अब तक 8 लोगों के मारे जाने की सूचना है। वहीं, हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दावा किया कि इसमें 50 लोगों के मारे जाने की आशंका है।
हिमाचल में बादल फटने के साथ मौत का सैलाब आया है। शिमला, मंडी और कूल्लू, तीन जगहों पर बादल फटने से सात लोगों की मौत हो गई। हादसे में अब तक 50 लोग लापता हैं। बादल फटने के बाद लैंडस्लाइड की वजह से कई सड़के बंद है जिसकी वजह से रेस्क्यू टीम के लिए मौके पर पहुंचना बड़ी चुनौती है। भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश में अब भूकंप के झटके लगे हैं। शिमला के पास रामपुर में जब बादल फटे थे तब लोग नींद में थे। राज्य आपात अभियान केंद्र ने बताया कि कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाना इलाकों, मंडी के पधर और शिमला जिले के रामपुर में बादल फट गया। शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी के मुताबिक, बुधवार रात श्रीखंड महादेव के पास बादल फटने से सरपारा, गानवी और कुर्बन नालों में अचानक बाढ़ आ गई, जिसके परिणामस्वरूप शिमला में रामपुर उपमंडल के समेज खुड (नाला) में जलस्तर बढ़ने से दो लोगों की मौत हो गयी तथा 34 अन्य लापता हो गए। कुल्लू में सात लोग लापता हैं । मलाणा पावर प्रोजेक्ट में फंसे 29 लोगों को रेस्क्यू किया गया है।
जबकि चार लोग प्रोजेक्ट में अभी फंसे हुए हैं। चंबा के चुराह में बादल फटने से भारी नुकसान की तस्वीरें सामने आई हैं। चंबा-तीसा सड़क मार्ग सहित कई सड़कें बंद हो गई हैं। सैलाब के रास्ते में आए घर टूट गये तो तमाम गाड़ियां मलबे में दब गईं जिन्हें अब जेसीबी की मदद से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है। मंडी भी राहत और बचाव का काम जारी है। यहां बुधवार रात आए ज़लजले में दो मकान ढह गये। घर में मौजूद 11 में से दो लोगों के शव मलबे से निकाले जा चुके है। जबकि 8 लोग अब भी लापता हैं। राहत बचाव दल पैदल चलकर रामबन गांव तक पहुंची जहां बादल फटने के बाद सबसे ज्यादा तबाही हुई।