26 साल बाद एक बार फिर पाकिस्तान ने भारत से टकराने की कोशिश की है। इससे पहले 1965, 1971 फिर (1999 कारगिल) पाकिस्तान भारत से टकराया था। इन तीनों युद्धों में भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। इसके बावजूद यह बेशर्म देश समय-समय पर भारत को चुनौती देता रहा है। भारत और पाकिस्तान चौथी बार युद्ध के कगार पर खड़े हुए हैं। 21 अप्रैल साल 2025 तक देश में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था। इसके अगले दिन 22 अप्रैल को पाकिस्तान से आए आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में धर्म पूछकर 26 टूरिस्ट की हत्या कर दी थी। महिलाओं और बच्चों के सामने पुरुषों को सिर और सीने में गोली मारी थी। महिलाओं से कहा था- तुम्हें इसलिए छोड़ रहे हैं कि जाकर मोदी को बता देना। घटना के दौरान प्रधानमंत्री मोदी सऊदी अरब में थे। वे दौरा बीच में ही छोड़कर देश लौटे और कैबिनेट की मीटिंग बुलाई। 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आतंकियों को कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। इसके बाद सेना के अफसरों से मिले और कहा सेना कार्रवाई के लिए जगह और समय तय करे। इस बार सबसे खास बात यह है कि पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अजीत डोभाल और भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार है। देश के एक अरब 40 करोड़ नागरिकों में भी पाकिस्तान से बदला लेने के लिए जोश भरा हुआ है। मोदी के नेतृत्व में सेना ने 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 में एयर स्ट्राइक करके इस मिथ को तोड़ा था कि पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई समस्या बन सकती है। 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में आत्मघाती हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे। इसके जवाब में 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप पर एयरस्ट्राइक की। यह 1971 युद्ध के बाद पहली बार था, जब भारत ने पाकिस्तान की सीमा के अंदर जाकर एयरस्ट्राइक की। उस समय पाकिस्तान की परमाणु धमकी भी फुस्स हो गई। एक बार फिर पाकिस्तान परमाणु बम की धमकी दे रहा है । पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी सार्वजनिक रूप से आतंकियों और सरपरस्तों को मिट्टी में मिलाने की घोषणा कर रहे थे और इसकी तैयारी के संकेत भी दे रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों को अलर्ट रहने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। पहलगाम में आतंकी हमले की साजिश के बाद, भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में कई आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में बने जैश और लश्कर के ठिकानों पर हमला किया था। कुल 9 आतंकी ठिकानों भारत ने ध्वस्त किया था, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए । इन्हीं आतंकियों में 5 ऐसे खूंखार आतंकी शामिल थे, जिन्होंने भारत में कई बड़े हमलों को अंजाम दिया था। भारत की एयर स्ट्राइक के बाद से जैश चीफ मसूद अजहर और लश्कर चीफ हाफिज सईद भी गायब है। दोनों नजर नहीं आया है। मसूद अजहर के परिवार के तो 10 सदस्य भी भारत के एयर स्ट्राइक में मारे गए हैं। जिसमें बहन से लेकर जीजा तक और भांजे से लेकर भाई तक शामिल हैं। जिसके बाद दोनों देशों के बीच जंग जैसे हालात बन गए हैं। पाकिस्तानी संसद में प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भी भारत से बदला लेने की धमकी दी। गुरुवार और शक्रवार रात भारत-पाक के बीच सैन्य झड़पें तेज हुईं। जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल हमले नाकाम हुए, भारत ने इस्लामाबाद, लाहौर और सियालकोट पर जवाबी हमले किए। कई भारतीय शहरों में ब्लैकआउट रहा। पाकिस्तानी सेना ने भारत के कई ठिकानों पर बड़े हमले करने का दावा किया है। इसमें पंजाब में ब्रह्मोस मिसाइल स्टोरेज फैसेलिटी, उरी सप्लाई डिपो, राजस्थान का सूरतगढ़ एयरफील्ड, आदमपुर में एस-400 सिस्टम, देहरंग्यारी में आर्टिलरी पोजिशन और पठानकोट एयरफील्ड शामिल हैं। पाकिस्तान जिन जगहों से ट्यूब लॉन्च ड्रोन के जरिए भारत में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा था, उन जगहों को भारतीय सेना ने नष्ट कर दिया है। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी चौकियों और आतंकवादी लॉन्च पैड्स को ध्वस्त कर दिया है। शुक्रवार की रात पाकिस्तान ने भारत के 26 जगहों को निशाना बनाकर ड्रोन से हमला किया था। श्रीनगर हवाई अड्डे और अवंतीपोरा एयरबेस पर ड्रोन हमलों को विफल कर दिया गया, जबकि जम्मू और दक्षिण कश्मीर क्षेत्र के कुछ हिस्सों में धमाके सुने गए। भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराए जाने से बारामूला जिले में आसमान तेज रोशनी से भर गया। भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए सभी ड्रोनों को नष्ट कर दिया था। भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच पाकिस्तान ने बड़ी गलती करते हुए भारत पर फतेह-1 मिसाइल दागी । भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तानी मिसाइल को मिनटों में ही हवा में मार गिराया है। फतेह-1 एक बैलिस्टिक मिसाइल है और इसे काफी खतरनाक भी माना जाता है। पाकिस्तान ने इस मिसाइल के जरिए भारत के पश्चिमी क्षेत्र में कहीं एक रणनीतिक लक्ष्य को निशाना बना रहा था। इंडियन आर्मी की ओर से कहा गया है कि पाकिस्तान द्वारा ड्रोन हमलों और अन्य हथियारों के साथ हमारी पश्चिमी सीमाओं पर लगातार हमले जारी हैं। शनिवार सुबह अमृतसर के खासा कैंट के ऊपर दुश्मन के कई हथियारबंद ड्रोन उड़ते हुए देखे गए। हमारी वायु रक्षा इकाइयों ने तुरंत ही दुश्मन के ड्रोनों पर हमला किया और उन्हें नष्ट कर दिया। पाकिस्तान ने शनिवार सुबह एलान किया कि भारतीय आक्रामकता के जवाब में सेना ने हमले शुरू कर दिए हैं। इसे ऑपरेशन ‘बुनयान-उल-मरसूस’ नाम दिया गया है। इसका मतलब है- ‘सीसे से मजबूत दीवार’ यानी एक ऐसी दीवार जो बेहद मजबूती से रक्षा करती है। पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने कहा कि हमारे पास भारत को जवाब देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था । दोनों देशों के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण और युद्ध जैसे हैं। सीमा पार से ड्रोन व मिसाइल हमले, ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत द्वारा आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई है। सीजफायर उल्लंघन और ब्लैकआउट जैसी स्थिति । इन सबके बावजूद, भारत या पाकिस्तान में से किसी ने भी अभी तक औपचारिक रूप से युद्ध की घोषणा नहीं की है। जम्मू-कश्मीर, पंजाब से लेकर राजस्थान तक, भारत-पाकिस्तान सीमा पर जंग की आहट सुनाई दे रही है। भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान की ओर से लगातार मिसाइलें और ड्रोन दागी जा रही है। भारतीय सेना लगातार दुश्मन देश को मुंहतोड़ जवाब दे रही है। बुधवार रात से ही पाकिस्तान लगातार ड्रोन हमले कर रहा है। भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि भविष्य में किसी भी आतंकी कार्रवाई को भारत के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा और उसी के अनुसार जवाब दिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर दोनों देशों के बीच जंग जैसे हालातों पर दुनिया के तमाम देश फिलहाल तटस्थ की भूमिका में है और भारत-पाकिस्तान को संयम बरतने की सलाह भी दे रहे हैं। हालांकि अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, इजरायल और ऑस्ट्रेलिया समेत तमाम देशों का समर्थन भारत की ओर है। पाकिस्तान के साथ बढ़ते टकराव और युद्ध जैसे हालात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजधानी दिल्ली में हर रोज हाई लेवल की मीटिंग कर रहे हैं ।

पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह चर्चा में–
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के साथ तनाव को लेकर लगातार चौथे दिन शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी। विक्रम मिसरी ने कहा- पाकिस्तान दावा कर रहा है कि उन्होंने क्या किया। वे लगातार भारी झूठ बोल रहे हैं। पाकिस्तान की सरकारी एजेंसियां बोल रही हैं कि उन्होंने भारत में कई मिलिट्री फैसिलिटी को ध्वस्त किया है। मेरे साथियों ने इसकी सच्चाई आपको बता दी है। पाकिस्तान झूठ बोल रहा है। सिरसा एयरफोर्स स्टेशन को तबाह करने का उनका दावा पूरी तरह झूठा है। सूरतगढ़ एयरफोर्स बेस, आदमपुर में एस-400 बेस को तबाह करने का दावा पूरी तरह झूठा है। महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर, पावर सिस्टम, साइबर सिस्टम पर हमला करने और उन्हें तबाह करने के दावे झूठे हैं। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की जानकारी जब देश-दुनिया को दी गई, तो उस मंच पर एक महिला सैन्य अधिकारी की मौजूदगी ने सबका ध्यान खींचा। वह थीं कर्नल सोफिया कुरैशी। वडोदरा की इस बेटी ने न सिर्फ भारतीय सेना में अहम जिम्मेदारी निभाई, बल्कि मीडिया के सामने आत्मविश्वास और गर्व के साथ भारत की सैन्य रणनीतियों को भी साझा किया। कर्नल सोफिया साहस, समर्पण के साथ तमाम बेटियों के लिए प्रेरणा बन गई हैं। भारतीय रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने शनिवार को शुक्रवार देर रात पाकिस्तान के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी दी। कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया, ‘भारत ने 8 मिलिट्री ठिकानों पर हमला किया। इनमें पाकिस्तानी एयरबेस, हथियार डिपो शामिल हैं।’ इससे पहले बीएसएफ ने वीडियो जारी कर बताया कि शुक्रवार की देर रात पाकिस्तान के सियालकोट में लूनी स्थित आतंकी लॉन्चपैड तबाह कर दिया गया। पाकिस्तान ने शुक्रवार को रात 7.47 से रात 10.57 बजे के बीच जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के 26 शहरों में 550 से ज्यादा ड्रोन दागे थे। इस हमले को भारतीय आर्मी ने नाकाम कर दिया। पाकिस्तान ने शनिवार सुबह फिर जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और गुजरात में हमला किया। राजौरी के प्रशासनिक अफसर समेत 5 लोगों की गोलाबारी में मौत हो गई। जम्मू शहर में भी हवाई हमला जारी है। कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है।कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने नागरिक विमानों की आड़ में विमान मार्गों का गलत इस्तेमाल किया। साथ ही, पाकिस्तानी सेना ने चिकित्सा केंद्रों और स्कूलों को भी निशाना बनाया। कर्नल कुरैशी ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी सेना पश्चिमी सीमा पर लगातार गतिविधियां कर रही है। कर्नल कुरैशी ने आगे कहा कि पंजाब सेक्टर में हाई एयर डिफेंस अलर्ट के दौरान भारतीय एयरस्पेस नागरिक उड़ानों के लिए बंद था। लेकिन पाकिस्तान के इलाके में नागरिक उड़ानें चल रही थीं। पाकिस्तान का एक नागरिक विमान दम्मम से उड़ान भरकर लाहौर तक गया। भारतीय वायुसेना ने संयम बरतते हुए अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमान सेवा की सुरक्षा सुनिश्चित की। पाकिस्तान के यूएवी ने भठिंडा आर्मी स्टेशन को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसे गिरा दिया गया। कर्नल सोफिया ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ मिलकर देश की सुरक्षा पर संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की जीत और सेना द्वारा अपनाई गई रणनीतियों का विवरण मीडिया के समक्ष प्रस्तुत किया। जब देश के सुरक्षा कवच में खड़े सैन्य प्रमुखों में महिला अधिकारियों का नाम शामिल होता है तो यह पूरे देश के लिए गर्व की बात होती है। पहलगाम हमले का पाकिस्तान से बदला लिए जाने के बाद देशवासियों ने केंद्र सरकार के ऑपरेशन सिंदूर
से जोश से भर गए। वहीं विपक्षी दलों ने भी पाकिस्तान को करारा जवाब दिए जाने पर पूरा समर्थन दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनकी पार्टी सरकार और सेना के साथ है और उनके हर कदम का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की हर कार्रवाई का समर्थन करती है। खड़गे ने कहा कि इस मुद्दे पर कोई भेदभाव नहीं है, सब एकजुट होकर लड़ेंगे।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भारतीय सेना और उसके शौर्य व पराक्रम पर हमें गर्व है। कांग्रेस पार्टी देश के वीर जवानों के साथ है। खड़गे ने कहा, पाकिस्तान और पीओके में आतंकी शिविरों के खिलाफ साहसी और निर्णायक कार्रवाई के लिए हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है। हमें अपने सुरक्षा बलों पर गर्व है जिन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया और मुंहतोड़ जवाब दिया। खड़गे ने ये भी कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगी भी एकजुट होकर काम कर रहे हैं और हम सेना और सरकार को अपना समर्थन दोहराते हैं। वहीं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि अपने सशस्त्र बलों पर उन्हें बहुत गर्व है और वह उनके साथ खड़े है। कांग्रेस के अलावा अन्य विपक्षी दलों ने भी भारतीय सेना की जमकर प्रशंसा की। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री से बात कर समर्थन का आश्वासन दिया। डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ तमिलनाडु भारतीय सेना के साथ खड़ा है। पूर्व रक्षा मंत्री और कांग्रेस नेता एके एंटनी ने ऑपरेशन सिंदूर को बस शुरुआत बताया और उम्मीद जताई कि सेना आगे भी निर्णायक कार्रवाई करेगी। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम सब एक हैं और सेना के साथ खड़े हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि भारतीय सेना हर बार माताओं की कोख, बहनों की कलाई और सिंदूर की रक्षा करती है। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीय इस लड़ाई में सरकार और सेना के साथ हैं। सरकार और विपक्ष दोनों ही इस बात पर सहमत दिख रहे हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा और एकता से बड़ा कोई मुद्दा नहीं है। मोदी सरकार इस एकजुटता को और मजबूत करने के लिए सभी पक्षों के साथ मिलकर काम करने की योजना बना रही है। सरकार ने यह भी संदेश दिया है कि वह सभी नागरिकों, संगठनों और राजनीतिक दलों के सहयोग को महत्व देती है, जिन्होंने इस संकट के समय में एकजुटता दिखाई। यह कदम न केवल देश के भीतर एकता को बढ़ावा देगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत की स्थिति मजबूत और एकजुट छवि को प्रस्तुत करेगा।
पाकिस्तान की हरकतों ने दोनों देशों को युद्ध के कगार पर ला खड़ा किया–
पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान की हरकतों ने दोनों देशों को युद्ध के कगार पर ला खड़ा किया है। परमाणु हथियारों से लैस ये पड़ोसी क्या वाकई जंग की राह पर हैं? भारत में युद्ध की घोषणा का कोई साफ नियम नहीं, लेकिन अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल इसका रास्ता बन सकता है। क्या कूटनीति तनाव को ठंडा करेगी, या नियंत्रण रेखा पर एक और जंग की कहानी लिखी जाएगी? दुनिया की नजर इस सवाल पर टिकी है। भारत में “वॉर की घोषणा” की कोई स्पष्ट संवैधानिक प्रक्रिया नहीं है, जैसा कि अमेरिका या कुछ अन्य देशों में होती है. हालांकि इसके लिए भारतीय संविधान का अनुच्छेद 352 काम आता है, जिसमें “वॉर ” या “बाहरी आक्रमण” की स्थिति में ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ घोषित किया जा सकता है। संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति भारत के सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर होते हैं लेकिन वे युद्ध या शांति की कोई भी घोषणा कैबिनेट की सलाह से ही कर सकते हैं। राष्ट्रपति केवल औपचारिक मुहर लगाते हैं, असली फैसला प्रधानमंत्री और कैबिनेट का होता है।
व्यावहारिक रूप से- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली मंत्रिपरिषद यह तय करती है कि युद्ध घोषित करना है या नहीं। इस फैसले में रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की अहम भूमिका होती है। कैबिनेट की लिखित सिफारिश के आधार पर राष्ट्रपति ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ की घोषणा कर सकते हैं। संसद (लोकसभा और राज्यसभा) से पूर्व अनुमति नहीं ली जाती, लेकिन एक बार आपातकाल घोषित होने पर संसद को 1 महीने के भीतर मंजूरी देनी होती है। आपातकाल की अवधि 6 महीने तक होती है, और इसे हर 6 महीने में संसद की मंजूरी से बढ़ाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि 1962 (चीन युद्ध) नहीं चीन ने अचानक हमला किया, भारत ने जवाब दिया। 1965 (पाक युद्ध) नहीं ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम के जवाब में भारत ने सीमा पार की। 1971 (बांग्लादेश युद्ध) नहीं पाकिस्तान ने एयर स्ट्राइक की, भारत ने प्रतिक्रिया में सेना भेजी। 1999 (कारगिल युद्ध) नहीं सीमित संघर्ष, भारत ने ‘ऑपरेशन विजय’ चलाया।
भारत ने अब तक किसी भी युद्ध में औपचारिक घोषणा नहीं की है, केवल सैन्य कार्रवाई से जवाब दिया है। अगर इस बार हालात और बिगड़ते हैं, तो कैबिनेट राष्ट्रपति को अनुच्छेद 352 के तहत ‘युद्ध आपातकाल’ घोषित करने की सलाह दे सकती है। लेकिन फिलहाल स्थिति ‘लिमिटेड मिलिट्री एंगेजमेंट’ जैसी है, युद्ध नहीं, लेकिन युद्ध से एक कदम पहले। भारत और पाकिस्तान युद्ध की औपचारिक स्थिति में नहीं हैं, लेकिन जो हालात बने हैं वे तथ्यात्मक युद्ध के करीब हैं। किसी औपचारिक घोषणा के बिना भी सैन्य जवाबी कार्रवाई की जा सकती है, जैसा कि भारत ने अब तक किया है। मशहूर शायर और गीतकार साहिर लुधियानवी ने इसे बहुत ही अच्छे तरीके से कहा है- जंग तो खुद ही एक मसला है, जंग क्या मसलों का हल देगी।
युद्ध चाहे कोई भी हो कौन सा भी हो लेकिन वह कभी भी किसी भी देश की लोकतांत्रिक, राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं होता। एक युद्ध जिन देशों के बीच में छिड़ता है केवल उनकी ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की शांति भंग करता है। युद्ध के कारण पूरी दुनिया को नुकसान होता है। हम सिर्फ उस नुकसान को देख रहे होते हैं जो सीधे तौर पर प्रभावित करता है। जैसे लोगों की मौत और अर्थव्यवस्था की बर्बादी हमें साफ दिखती है। लेकिन युद्ध पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है। कई जगहें युद्ध के बाद रहने लायक नहीं रह जाती हैं। इतिहास गवाह है आज तक युद्ध में सिर्फ बर्बाद ही हुआ है।