भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते टकराव पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यस्थता का दावा किया है। डोनाल्ड ट्रंप का यह घोषणा उस समय हुई जब भारत और पाकिस्तान के बीच जंग जैसे हालात बनते जा रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को दोनों देशों के बीच तनाव को लेकर बड़ी घोषणा की। उन्होंने दावा किया है कि भारत-पाकिस्तान पिछले तीन दिनों से जारी संघर्ष पर तत्काल पूर्ण युद्ध विराम के लिए सहमत हो गए हैं। यह सहमति अमेरिका की मध्यस्थता से पूरी हुई है।
ट्रंप ने समझदारी दिखाने के लिए दोनों देशों को धन्यवाद दिया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्रूथ पर एक पोस्ट में लिखा, “अमेरिका की मध्यस्थता में रात में चली लंबी वार्ता के बाद मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल युद्ध विराम पर सहमत हो गए हैं।” ट्रंप ने समझदारी दिखाने के लिए दोनों देशों को धन्यवाद दिया है।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस पिछले 48 घंटे से भारत और पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे थे
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भी एक्स पर बताया कि वह स्वयं और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस पिछले 48 घंटे से भारत और पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे थे। इस बातचीत में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, सेना प्रमुख असीम मुनीर और पाक एनएसएस असीम मलिक शामिल थे।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भी तत्काल युद्ध विराम की पुष्टि की
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भी तत्काल युद्ध विराम की पुष्टि की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि पाकिस्तान अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता किए बिना क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए हमेशा से प्रयासरत रहा है।पिछले महीने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर 7 मई को तड़के पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था।
दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बाद अमेरिका को मध्यस्थता के लिए बीच में आना पड़ा
इसके बाद पाकिस्तान ने लगातार भारतीय सैन्य ठिकानों और आबादी वाले इलाके में ड्रोन तथा मिसाइलों से हमले किए, जिनमें ज्यादातर को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बाद अमेरिका को मध्यस्थता के लिए बीच में आना पड़ा।