2 महीने बाद यानी 22 अप्रैल से शुरू होने वाली उत्तराखंड में चार धाम यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजधानी देहरादून में 21 फरवरी को अपने कैबिनेट मंत्रियों और अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में सीएम धामी ने चार धाम यात्रा को लेकर कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की और तैयारियों का जायजा भी लिया। बता दें कि इस साल चार धाम यात्रा को लेकर धामी सरकार उत्साहित है। पिछले साल 2022 में चार धाम में श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ उमड़ी थी। जिसके बाद सरकार के साथ स्थानीय व्यापारियों की भी कमाई में जबरदस्त उछाल आया। एक बार फिर धामी सरकार ने इस साल होने वाली चार धाम यात्रा को लेकर कमर कस ली है। 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही शुरू हो रही है। मंगलवार को चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सचिवालय में संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर हो रही इस महत्वपूर्ण बैठक में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, पर्यटन एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज, परिवहन मंत्री चंदन राम दास के साथ ही बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय समेत शासन और विभागों के आला अधिकारी मौजूद रहे। उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने कहा कि इस बार चारधाम यात्रा को लेकर कई नई व्यवस्थाएं की गईं हैं, जिसके तहत चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मुख्य सचिव ने कहा कि चारधाम की महत्वपूर्ण बैठक में बीआरओ के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे।
हालांकि जोशीमठ से जो बदरीनाथ के लिए सड़क गुजरती है, उसको बीआरओ व्यवस्थित कर रहा है। जोशीमठ से बदरीनाथ रूट पर बीआरओ की पूरी टीम मौजूद रहेगी। साथ ही जोशीमठ में आपदा कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा, ताकि अगर सड़कों में दरार पड़ती है तो तत्काल प्रभाव से उसका ट्रीटमेंट किया जाएगा। लिहाजा इस बार रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया गया है। इसके लिए देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भी पत्र लिखा गया है, ताकि वो भी अपने राज्यों में चारधाम यात्रा की गाइडलाइन का प्रचार-प्रसार करें, ताकि चार धाम की यात्रा पर जो श्रद्धालु आना चाहते हैं, उन्हें समय से इसकी जानकारी मिल सके। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे करीब दो-तीन सप्ताह के बाद जब रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी होगी, उसके बाद ही पता चल पाएगा कि श्रद्धालुओं में कितनी उत्सुकता है और कितनी संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड आना चाहते हैं। क्योंकि उम्मीद की जा रही है कि पिछले साल की तुलना में इस साल ज्यादा संख्या में श्रद्धालु धामों के दर्शन करने पहुंचेंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि अन्य राज्यों से जो श्रद्धालु आ रहे हैं, उनकी सुरक्षा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। यही वजह है कि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को अनिवार्य किया गया है। ताकि धामों में धक्का-मुक्की और भीड़भाड़ की स्थिति उत्पन्न ना हो। मुख्य सचिव एसएस संधू ने कहा कि पर्यटन विभाग देश के सभी राज्यों में स्थानीय भाषा में विज्ञापन देने जा रहा है, ताकि चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को यह जानकारी मिल सके कि इस बार रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है। इस बैठक के बाद सीएम ऑफिस की ओर से जानकारी देते हुए कहा गया कि मुख्यमंत्री श्री @pushkarsdhami ने आज सचिवालय में #CharDhamYatra यात्रा की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा शुरू होने से पूर्व सभी विभाग अपने स्तर पर सभी तैयारियां पूर्ण कर लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री बदरीनाथ यात्रा के सुचारू संचालन के लिए @BROindia की एक टीम नियमित जोशीमठ में रहेगी। यदि जोशीमठ में सड़कों पर दरार या कोई अन्य समस्याएं आती हैं, तो उनका शीघ्र ट्रीटमेंट किया जायेगा। जोशीमठ में आपदा प्रबंधन का कंट्रोल रूम भी बनाया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोनिवि को सड़कों को शत-प्रतिशत गड्ढ़ा मुक्त करने के निर्देश दिये गये थे, लेकिन अभी भी कई जगह से शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने निर्देश दिये कि प्रमुख सचिव लोनिवि प्रत्येक सप्ताह जिलाधिकारियों एवं विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा करेंगे।
उन्होंने निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा मार्गों पर वाहनों के पार्किंग की समुचित व्यवस्था के साथ ही चालकों के लिए पार्किंग स्थलों पर आराम करने की व्यवस्थाएं भी की जाए। चारधाम यात्रा में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि यात्रा शुरू होने से पूर्व अधिकारी कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग करें। चारधाम यात्रा मार्गों के आस-पास के मन्दिरों एवं धार्मिक स्थलों का भी व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि श्रद्धालु चारधाम यात्रा के साथ इन धार्मिक स्थलों के भी दर्शन कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने श्रद्धालुओं से आह्वान किया है कि अपने यात्रा खर्च का 05 प्रतिशत खर्च स्थानीय उत्पादों को खरीदने में करें, जिससे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए चारधाम में किन स्थानीय उत्पादों को प्रमोट किया जा सकता है।