उत्तराखंड में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव फिलहाल नहीं होंगे। आज सोमवार को नैनीताल हाईकोर्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सुनवाई के दौरान रोक लगा दी है। हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है। अब दोबारा आरक्षण प्रक्रिया शुरू होगी। इसकी जानकारी एडवोकेट दुष्यंत मनाली ने दी है।इससे पूर्व हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में सरकार से संबंधित नियमावली व 11 जून को जारी आदेश पर जबाव मांगा था। सरकार के जवाब से संतुष्ट न होने पर हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट के इस निर्णय से फिलहाल राज्य में पंचायत चुनावन पर ब्रेक लग गया है।बता दें कि, बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल व अन्य ने हाईकोर्ट में ये याचिकाएं दायर की हैं। इनमें कहा है कि सरकार ने बीती नौ जून को एक आदेश जारी कर पंचायत चुनाव के लिए नई नियमावली बनाई। साथ ही 11 जून को आदेश जारी कर अब तक पंचायत चुनाव के लिए लागू आरक्षण रोटेशन को शून्य घोषित करते हुए इस वर्ष से नया रोटेशन लागू करने का निर्णय लिया है। जबकि हाईकोर्ट ने पहले से ही इस मामले में दिशा निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि इस आदेश से पिछले तीन कार्यकाल से जो सीट आरक्षित वर्ग में थी, वह चौथी बार भी आरक्षित कर दी गई है। इस कारण वे पंचायत चुनाव में भाग नहीं ले पा रहे हैं। इस मामले में सरकार की ओर से बताया गया कि इसी तरह के कुछ मामले एकलपीठ में भी दायर हैं।
दरअसल,उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर शनिवार को अधिसूचना जारी की गई थी। लेकिन राज्य सरकार द्वारा आरक्षण पर कोई नोटिफिकेशन जारी न होने पर हाईकोर्ट में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर रोक लगाई है।
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी टिप्पणी की है कि आगे किसी भी तरह की चुनावी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।
अगली सुनवाई में आरक्षण की स्थिति स्पष्ट करे सरकार राज्य सरकार द्वारा पंचायत चुनावों में अनुसूचित जाति,जनजाति और महिलाओं के आरक्षण को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए थे। इसी को आधार बनाकर याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह अगली सुनवाई में आरक्षण की स्थिति स्पष्ट करे। अब सभी की नजरें सरकार के अगले कदम और कोर्ट में प्रस्तुत होने वाली नीति पर टिकी हैं। 21 जून को राज्य चुनाव आयोग ने 12:30 बजे कॉन्फ्रेंस कर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का कार्यक्रम जारी किया था। जिसके तहत 25 जून से नामांकन प्रक्रिया शुरू होनी थी, लेकिन उससे पहले ही हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी है। इससे राज्य सरकार के साथ-साथ चुनाव की तैयारी कर रहे तमाम नेताओं को भी झटका लगा है। प्रदेश के हरिद्वार जिले को छोड़कर 12 जिलों में पंचायत चुनाव कराए जाने थे।