प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने देश के नाम संबोधन के दौरान बड़ा फैसला सुनाया। प्रकाश पर्व के मौके पर पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का एलान कर दिया। प्रधानमंत्री कृषि कानून को वापस लेंगे किसी ने सोचा नहीं था। पिछले एक साल से किसान आंदोलन की वजह बने तीनों नए कृषि कानून केंद्र सरकार ने वापस ले लिए हैं। शुक्रवार को देश के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 18 मिनट के संबोधन में कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को नेक नीयत के साथ लाई थी, लेकिन यह बात हम किसानों को समझा नहीं पाए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम पूरी विनम्रता से किसानों को समझाते रहे। बातचीत भी होती रही। कानून के जिन प्रावधानों पर उन्हें एतराज था उन्हें सरकार बदलने को तैयार हो गई। साथियों मैं आज गुरु नानक देवजी का पवित्र पर्व है यह समय किसी को दोष देने का नही है। मैं आज यह पूरे देश को यह बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला लेने का फैसला करता हूं। इसी महीने हम इसे वापस लेने की प्रक्रिया पूरी कर देंगे। बता दें कि तीनों नए कृषि कानूनों को 17 सितंबर, 2020 को लोकसभा ने मंजूर किए थे। राष्ट्रपति ने तीनों कानूनों के प्रस्ताव पर 27 सिंतबर को दस्तखत किए थे। इसके बाद से ही किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया था। पिछले एक साल से किसान दिल्ली के बॉर्डर पर धरना दे रहे थे। आज प्रधानमंत्री के इस फैसले के बाद किसानों में खुशी का माहौल है।
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