साल 2020 में केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश में चलाए गए विरोध और योगी सरकार कार्रवाई के खिलाफ शुक्रवार को देश की सर्वोच्च अदालत ने फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में किए गए प्रदर्शनकारियों से वसूली गई संपत्ति उन्हें वापस कर दी जानी चाहिए और यह भी कहा कि अगर उन्होंने कथित नुकसान के लिए संबंधित अधिकारियों को पैसे का भुगतान किया है, तो भी उन्हें वापस किया जाना चाहिए। सर्वोच्च अदालत ने यह फैसला एक याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि जब नोटिस वापस ले लिए गए हैं तो तय प्रक्रिया का पालन हो। यदि कुर्की कानून के खिलाफ हुई है और आदेश भी ले लिया गया है तो कुर्की की कार्रवाई नहीं चल सकती है।