पं. शंभू नाथ गौतम
भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले गृहमंत्री अमित शाह ने एक बार फिर शुक्रवार रात में उत्तराखंड की धामी सरकार ने मचा सियासी तूफान को शांत कर दिया। अब भाजपा की ओर से कहा जा रहा है कि नाराज दोनों नेता मान गए हैं। बता दें कि धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के शुक्रवार देर शाम अचानक इस्तीफा देने के बाद उत्तराखंड से लेकर राजधानी दिल्ली तक भाजपा खेमे में हलचल बढ़ा दी थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शाम 7 बजे जब अपनी कैबिनेट की बैठक कर रहे थे उसी दौरान हरक सिंह रावत नाराज होकर चले गए थे । बाद में उनके इस्तीफा देने की खबर आई थी। वहीं भाजपा के रायपुर से विधायक उमेश शर्मा काऊ ने भी इस्तीफा दे दिया था। इन दोनों भाजपा नेताओं के बगावती तेवरों को लेकर शुक्रवार पूरी रात भाजपा नेताओं ने इन्हें दोबारा पार्टी में जाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा लिया। लेकिन बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत ने अपना फोन स्विच ऑफ कर लिया था। फिर भी ऐसी खबर है कि दिल्ली से गृहमंत्री अमित शाह से हुई बातचीत के बाद हरक सिंह रावत अब मान गए हैं। वहीं विधायक उमेश शर्मा की भी नाराजगी दूर हो गई है। इसके बाद धामी सरकार को राहत मिली है। हरक सिंह रावत और उमेश शर्मा को मनाने में गृहमंत्री अमित शाह की प्रमुख भूमिका रही है। शनिवार को उत्तराखंड भाजपा ने दावा किया है कि पार्टी में शुक्रवार देर रात मचे घमासान का पटाक्षेप हो गया है। कैबिनेट बैठक में इस्तीफा देने की घोषणा करने वाले वन और पर्यावरण मंत्री हरक सिंह को मना लिया गया है। इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व को दखल देना पड़ा। हालांकि हरक सिंह की तरफ से इस बारे में अब तक कुछ नहीं कहा गया है। वे इस्तीफे की घोषणा करने के बाद से किसी अज्ञात स्थान पर हैं और उनका फोन भी बंद है। वहीं इस मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के अनुसार हरक सिंह रावत नाराज नहीं हैं और इस्तीफे का सवाल ही नहीं बनता। विधायक उमेश शर्मा काऊ ने भी इस बात का दावा किया है । उन्होंने कहा कि कोटद्वार में मेडिकल कालेज के लिए जल्द शासनादेश जारी होगा। वहीं भाजपा के सांसद और पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी दावा किया है कि अब हरक सिंह रावत और विधायक उमेश शर्मा की नाराजगी दूर हो गई है।
एक साथ दो भाजपा नेताओं के इस्तीफे की खबर से दिल्ली तक मचा रहा हड़कंप–
शुक्रवार रात विधानसभा चुनाव से पहले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ के अचानक इस्तीफा देने के बाद उत्तराखंड से लेकर राजधानी दिल्ली हड़कंप मचा रहा। एक के बाद एक दो बड़े नेताओं के इस्तीफे को भाजपा के लिए एक बड़ा नुकसान माना जा रहा था, लिहाजा पार्टी हाईकमान डैमेज कंट्रोल के लिए सक्रिय हुआ । भाजपा नेताओं की ओर से आज सुबह बताया जा रहा है कि नाराज हरक सिंह रावत ने बैठक के दौरान कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज बनाए जाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे खारिज कर दिया गया। हरक लंबे समय से सरकार से इसकी मांग कर रहे थे। विधायक काऊ के अनुसार पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर उन्होंने बीती रात मंत्री रावत से बातचीत की। इस दौरान डा रावत की पार्टी के केंद्रीय नेताओं और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कराई गई। मुख्यमंत्री ने कोटद्वार मेडिकल कालेज के जल्द शासनादेश जारी करने का आश्वासन दिया। बता दें कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत उन विधायकों में शामिल हैं, जो मार्च 2016 के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। वर्ष 2017 में भाजपा की सरकार बनने पर उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। हालांकि, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से उनका विभिन्न मामलों में छत्तीस का आंकड़ा रहा। उत्तराखंड भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड को लेकर उनकी और तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के बीच तनातनी सुर्खियों में रही थी।