Mahashivratri 2023 : महाशिवरात्रि पर्व पर पंच महायोग बना शुभ संयोग, हरकी पैड़ी, संगम और वाराणसी में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी, बम-बम भोले के उद्घोष से गूंजे शिवालय - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
June 1, 2025
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Mahashivratri 2023 : महाशिवरात्रि पर्व पर पंच महायोग बना शुभ संयोग, हरकी पैड़ी, संगम और वाराणसी में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी, बम-बम भोले के उद्घोष से गूंजे शिवालय

पूरे देश भर में महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक बम बम भोले के उद्घोष से पूरा भक्ति का माहौल हो गया है। गंगा घाटों से लेकर देश भर में शिव मंदिरों से लेकर सोशल मीडिया पर महाशिवरात्रि की धूम है। भगवान भोलेनाथ जलाभिषेक, बेलपत्र और दूध चढ़ाने के लिए हरिद्वार, वाराणसी, उज्जैन प्रयागराज और उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्थित भगवान टपकेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई है। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर पूजा-अर्चना की। उन्होंने रूद्राभिषेक अनुष्ठान को पूरे विधि-विधान के साथ संपन्न कराया। सीएम योगी ने महाशिवरात्रि के मौके पर जनकल्याण की कामना की। काशी विश्वनाथ मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया गया। महाशिवरात्रि को लेकर वाराणसी की सड़कों पर भक्ति का सैलाब उमड़ रहा है। महाशिवरात्रि का पर्व पर यूपी से लेकर उत्तराखंड तक भक्तों में अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है। महाशिवरात्रि पर्व को लेकर शिवालय सज हुए हैं। भक्तों का हुजूम मंदिरों में उमड़ रहा है।

महाशिवरात्रि पर्व पर पंच महायोग बना शुभ संयोग, हरकी पैड़ी, संगम और वाराणसी में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी, बम-बम भोले के उद्घोष से गूंजे शिवालय

वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ के दरबार में भारी संख्या में भक्त पहुंचे हैं। वहीं, कांवड़ लेकर प्रसिद्ध शिव मंदिरों में भगवान भोले को जलाभिषेक कर रहे हैं। महाशिवरात्रि के मौके पर प्रयागराज में सुबह से भक्तों का जमावड़ा संगम तट पर हो गया। संगम और गंगा घाटों पर भक्त डुबकी लगा रहे हैं। महाशिवरात्रि के स्नान के साथ ही माघ मेले का समापन हो जाएगा। वहीं हरिद्वार से ऋषिकेश तक लाखों भक्त गंगा में स्नान कर मंदिरों में पहुंचकर पूजा-अर्चना और जल चढ़ा रहे हैं। बता दें कि 700 साल बाद ऐसा मौका आया है जब महाशिवरात्रि पर पंच महायोग बना है।

महाशिवरात्रि Mahashivratri 18 February 2023

इसलिए आज पूजा-पाठ के अलावा खरीदी और नए कामों की शुरुआत भी शुभ रहेगी। शिवरात्रि पर केदार, शंख, शश, वरिष्ठ और सर्वार्थसिद्धि योग मिलकर पंच महायोग बना रहे हैं। इस दिन तेरस और चौदस दोनों तिथियां है। ग्रंथों में ऐसे संयोग को शिव पूजा के लिए बहुत खास बताया है। आज शनि और सूर्य के अलावा चंद्रमा भी कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे। कुंभ राशि में शनि, सूर्य और चंद्रमा के मिलने से त्रिग्रही योग का निर्माण होगा। इसके अलावा महाशिवरात्रि पर शनि प्रदोष व्रत का भी शुभ संयोग भी है। ऐसे में अगर आपकी राशि पर शनि की साढ़ेसाती या शनि की ढैय्या का प्रभाव है, तो इस विशेष दिन कुछ उपाय करने से आपको राहत मिल सकती है। जल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करना चाहिए। इससे साढ़ेसाती का दुष्प्रभाव कम होगा। बता दें के कि प्रयागराज में लगभग सवा महीने से माघ मेला चल रहा था।

Mahashivratri 2023 : महाशिवरात्रि पर्व पर पंच महायोग बना शुभ संयोग, हरकी पैड़ी, संगम और वाराणसी में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी, बम-बम भोले के उद्घोष से गूंजे शिवालय

वहीं, संगम तट पर लगे माघ मेले का महाशिवरात्रि स्नान के बाद औपचारिक समापन हो जाएगा। 44 दिनों तक संगम तट पर चले माघ मेले का आखिरी स्नान पर्व बेहद खास माना जाता है। श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। महादेव और माता पार्वती के विवाह के उत्सव महाशिवरात्रि पर उत्तराखंड और यूपी के अगल-अलग जिलें समेत वाराणसी में हर हर महादेव का जयघोष गूंज रहा है। बता दें की शिव भक्तों का दशाश्वमेध घाट समेत प्रमुख गंगा घाटों पर स्नान का क्रम लगातार जारी है। वहीं, सुबह मंगला आरती के बाद बाबा विश्वनाथ दरबार भक्तों के लिए खोल दिया गया। मान्यता है कि भगवान शिव के त्रिशूल पर बसी नगरी काशी केवल विश्व का एक ऐसा स्थान है, जहां पर चतुर्दश शिवलिंग उपस्थित है। वहां पर पूजन एवं दर्शन करके आप समस्त बाधाओं से मुक्त हो सकते हैं। लोगों को अपनी राशि के हिसाब से रुद्राभिषेक करने के बाद समस्त बाधाओं से मुक्ति मिल सकती है।हरिद्वार में फाल्गुन और सावन में दो बार कांवड़ यात्रा चलती है।




इन दिनों फाल्गुन कांवड़ यात्रा चल रही है। यहां हजारों की संख्या में पहुंचे शिवभक्त गंगाजल लेकर वापस अपने गंतव्य की ओर लौट रहे हैं। श्रद्धालुओं में महिला, बच्चे और बुजुर्ग सहित सभी वर्गों के लोग शामिल हैं। इन दिनों बोल बम के जयकारों से हरिद्वार का वातावरण गूंज रहा है। मान्यता है कि पौराणिक नगरी कनखल में भगवान शंकर की ससुराल में स्थापित शिवलिंग दुनिया का पहला शिवलिंग है। यहां पर भगवान शंकर और पार्वती विवाह का विवाह हुआ था, जो दुनिया का पहला विवाह माना जाता है। इस दिन को भक्त महाशिवरात्रि के रूप में मनाते हैं। इस दिन दक्षेश्वर महादेव मंदिर में शिव का जलाभिषेक करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है। देहरादून का सबसे पौराणिक मंदिर टपकेश्वर महादेव भी सज गया है। इस मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए भारी भीड़ है। देहरादून शहर से सात किलोमीटर की दूरी पर टपकेश्वर मंदिर स्थित है। बाबा के इस धाम पर देशभर से कई लोग दर्शन करने आते हैं। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। पौराणिक मान्यता है कि आदिकाल में भगवान शंकर ने यहां देवताओं की प्रार्थना से प्रसन्न होकर उन्हें देवेश्वर के रूप में दर्शन दिए थे। मान्यता है कि इसी जगह को द्रोणपुत्र अश्वत्थामा की जन्मस्थली व तपस्थली माना गया है। जहां अश्वत्थामा के माता-पिता गुरु द्रोणाचार्य व कृपि की पूजा-अर्चना से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया था। जिसके बाद ही उनके घर अश्वत्थामा का जन्म हुआ था।

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