कृष्ण नगरी मथुरा में जन्माष्टमी की धूम है। श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाने के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु मथुरा-वृंदावन पहुंच चुके हैं। श्री कृष्ण जन्मभूमि, बांके बिहारी, द्वारकाधीश मंदिर समेत मथुरा के सभी मंदिरों को आकर्षक रूप से सजाया गया है। देश भर में आज जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है। इस साल कृष्ण जन्मोत्सव पर अष्टमी तिथि 6 सितंबर 2023 को दोपहर 03.37 से 7 सितंबर को शाम 04.14 मिनट तक रहेगी। ऐसे में जन्माष्टमी का पर्व 6-7 सितंबर दोनों दिन मनाया जाएगा। भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के संयोग में मनाया जाता है। जन्माष्टमी के दिन भक्त बाल-गोपाल की पालकी सजाते हैं और पूरी श्रद्धा भाव से उनका श्रृंगार करते हैं।
श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में जन्माष्टमी 6 सितंबर 2023 को मनाई जाएगी। यहां जन्माष्टमी की रौनक बहुत खास होती है। बांके बिहारी के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लगी होती है।ज्योतिषविदों का कहना है कि 6 सितंबर दिन बुधवार को जन्माष्टमी पर एक बड़ा ही दुर्लभ और शुभ संयोग भी बनने जा रहा है। जन्माष्टमी पर 12 साल बाद अर्धरात्रि व्यापिनी, बुधवार, रोहिणी नक्षत्र और वृषस्थ चंद्रमा का दुर्लभ और मंगलकारी योग बनने वाला है। इतना ही नहीं, इस बार जन्माष्टमी सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी। इसके अलावा 6 सितम्बर यानी आज सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है और चंद्रमा वृषभ राशि, रोहिणी नक्षत्र, बुधवार होने से एक विशेष योग बन रहा है। यह शुभ योग 30 सालों के बाद बन रहा है। इसीलिए इस वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी सुख, समृद्धि और मनोवांछित फल देने वाली मानी जा रही है।कृष्ण जन्म के मौके पर उनकी जन्मस्थली मथुरा शहर को सजाया गया है। वहीं, देश के अन्य कृष्ण मंदिरों में भी कृष्ण के जन्म उत्सव की तैयारियां की गई हैं। द्वारका, वृंदावन और मथुरा सहित बड़े कृष्ण मंदिरों में वैष्णव संप्रदाय के मुताबिक 7 तारीख को ये पर्व मनेगा। 7 और 8 की दरमियानी रात 12 बजे श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव होगा। गुजरात के राजकोट में मंगलवार से ही जन्माष्टमी के मौके पर पांच दिन लंबा मेला लगाया गया है। ये मेला 9 सितंबर तक जारी रहेगा। गुजरात के अलावा महाराष्ट्र में भी जन्माष्टमी की धूम शुरू हो गई है।
जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त (Janmashtami 2023 Shubh Muhurat)
आज 6 सितंबर को अष्टमी तिथि दोपहर 3 बजकर 38 मिनट से अगले दिन यानी 7 सितंबर दोपहर शाम बजकर 15 मिनट तक रहेगी। आज रोहिणी नक्षत्र सुबह 9 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर 7 सितंबर को सुबह 10 बजकर 25 मिनट तक है. श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रात के आठवें मुहूर्त में हुआ था। इसलिए रात 12 बजे कृष्ण जन्मोत्सव शुरू होता है। ये मुहूर्त इस बार 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक है। जन्माष्टमी की पूजा इस शुभ मुहूर्त में की जा सकती है।