दिनांक- 22 अप्रैल 2023
🌺 आज का पंचांग 🌺
दिन – शनिवार
संवत्सर नाम – नल
युगाब्दः- 5125
विक्रम संवत- 2080
शक संवत -1945
अयन – सौम्यायण (उत्तरायण)
गोल – सौम्यायण (उत्तर गोल)
ऋतु – वसन्त
काल (राहु)- दक्षिण दिशा
मास – वैशाख
पक्ष – शुक्ल पक्ष
तिथि- द्वितीया
नक्षत्र – कृत्तिका
योग – आयुष्मान
करण- कौलव
दिशा शूल- पूर्व दिशा में
🌞सूर्योदय:- 5:33
🌞पाक्षिक सूर्य— अश्विनी नक्षत्र में
🌺आने वाला व्रत व विशेष:- अक्षय तृतीया- रविवार ।
🌻🌸 सांस्कृतिक कोश🌸🌻
कर्ण का वास्तविक नाम वसुसेण था ।
🌓अर्धप्रहरा:- (दिन के) प्रातः के 5:33 से 7:12 म. 1:35 से 3:15 एवं सा. 4:39 से 6:25 बजे तक ।
🌚 राहु काल:- दिन के 8:43 से 10:20 बजे तक ।
🌺🌼 आज का सुविचार🌼🌺
दुनिया की कोई भी परेशानी साहस से बड़ी नहीं होती है ।
22 अप्रैल का राशिफल—–
मेष राशि: आज अटके हुए सरकारी कार्यों को पूरा करने के लिए जी जान लगा देंगे। काम की अधिकता के कारण परिवार के लिए ज्यादा समय नहीं निकाल पाएंगे, जिससे घरवाले आपसे नाराज हो सकते हैं। आज आपको राजकीय सहयोग भी मिलता हुआ नजर आ रहा है। सेहत को लेकर सतर्क रहें। रोजगार से जुड़े जातकों को आज कोई शुभ समाचार मिल सकता है। नौकरी में अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें। विरोधी प्रबल होंगे, लेकिन संध्या के समय स्वयं से ही परास्त होंगे।
वृषभ राशि: विद्यार्थियों द्वारा परीक्षा की दिशा में किया गया परिश्रम आज सार्थक होगा। पारिवारिक सदस्यों से मनमुटाव हो सकता है, लेकिन वैवाहिक जीवन सुखमय रहेगा। जीवनसाथी के साथ घुमने जा सकते हैं और उनके लिए कोई तोहफा खरीद सकते हैं। आज व्यवसाय में जितनी मेहनत की है, उसका वैसा ही परिणाम आपको अवश्य मिलेगा, जिससे आप सुकून महसूस करेंगे। ससुराल पक्ष के किसी व्यक्ति से धन का लेन देन करने से बचें अन्यथा धन वापस मिलना मुश्किल हो सकता है।
मिथुन राशि: फिजूलखर्ची पर लगाम लगाएं। पराक्रम में आज वृद्धि होगी। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा, जिसमें भाग्य भी आपका भरपूर साथ देगा। लंबे समय से रुके हुए कार्यों में प्रगति होगी, लेकिन आज किसी कीमती सामान की चोरी होने की भी आशंका है, इसलिए सतर्क रहें। फिजूलखर्ची पर लगाम लगाएं अन्यथा आप मुश्किल में पड़ सकते हैं। शाम को आप दोस्तों के साथ मौज-मस्ती और कुछ खाकर समय बिताएंगे। कार्यक्षेत्र में आपका कोई शत्रु आपके विरुद्ध षड्यंत्र रच सकता है।
कर्क राशि: योजनाओं को बल मिलेगा। आज किसी कारणवश तनाव का सामना करना पड़ सकता है। आज आपको स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहना होगा अन्यथा शारीरिक कष्ट बढ़ सकता है। व्यापार में आज आपके विरोधी भी आपसे परास्त होंगे। व्यापार से जुड़े जातकों को आज अच्छा खासा मुनाफा होगा और उनकी व्यवस्थाओं की योजनाओं को भी आज बल मिलेगा, जिससे उनके कारोबार में गति आएगी। संतान के विवाह से जुड़ी समस्या आज समाप्त होगी। आज शाम के समय आपको अपने पिता की सलाह की आवश्यकता पड़ सकती है।
सिंह राशि: पारिवारिक माहौल अच्छा रहेगा। आज भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी और पारिवारिक माहौल अच्छा रहेगा। नौकरी पेशा जातकों का आज ऑफिस में किसी सहकर्मियों के कारण कुछ तनाव हो सकता है, इसलिए चिंता न करें। अगर आज आप किसी को पैसा उधार देने की सोच रहे हैं तो उसे बिल्कुल भी न दें क्योंकि उसे वापस पाना मुश्किल होगा। वाहन के प्रयोग में सावधानी बरतनी होगी क्योंकि दुर्घटना होने की आशंका बन रही है। आज आप अपने जीवनसाथी से कुछ प्यार भरी बातें करेंगे।
कन्या राशि: आज किसी विशेष प्रकार की उथल-पुथल में लगा रहेगा। लंबे समय से रुके हुए कार्यों के बारे में भी आज आप सोच सकते हैं लेकिन यह तभी संभव होगा जब आप आलस्य को छोड़ दें। परिवार में कुछ अनबन हो सकती है, लेकिन आपको वाणी पर संयम रखना होगा। आपको आज ससुराल पक्ष से कुछ उपहार मिल सकते हैं। सामाजिक कार्यों में आपका मन लगेगा, जिससे मित्रों की संख्या में भी वृद्धि होगी।
तुला राशि: आज लाभ प्राप्ति के लिए किए जा रहे प्रयासों में सफलता मिलेगी। रोजगार की तलाश करने वालों को शुभ समाचार मिलेगा। यदि आज आपकी नौकरी में कोई विवाद चल रहा है तो आपको इससे बचने की कोशिश करनी चाहिए और गुस्से पर काबू रखना चाहिए अन्यथा आपका प्रमोशन रुक सकता है। माता के स्वास्थ्य में कुछ कमी आ सकती है, आपको उनके स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा।
वृश्चिक राशि: व्यापार में किए गए प्रयास सफल होंगे। छात्रों को आज परीक्षा में कुछ परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आज का दिन उन लोगों के लिए अच्छा रहेगा, जो किसी रोग से पीड़ित हैं, उन्हें आज के दिन पूरा लाभ मिलने के आसार हैं। अनावश्यक खर्च से बचना होगा अन्यथा आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है। व्यापार में किए गए प्रयास आज सफल होंगे। जीवनसाथी के साथ आपको सुकून देगा और कार्यों से भी राहत मिलेगी। संतान के प्रति आप अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह से निभाएंगे।
धनु राशि: आज व्यवसाय के गुप्त शत्रुओं से सावधान रहने की आवश्यकता है, अन्यथा वे आपके व्यवसाय को नुकसान पहुंचा सकते हैं। नौकरी पेशा जातकों को आज कामकाज में अधिकारियों का सहयोग मिलेगा। ससुराल पक्ष से लाभ होगा और संबंध भी मधुर रहेंगे। आर्थिक दृष्टिकोण से किए गए कार्यों में आज आपको सफलता मिलेगी। अगर आप किसी नए काम में निवेश करना चाहते हैं तो उसके लिए दिन अच्छा रहेगा। शाम के समय आपके घर कोई मेहमान आ सकता है, जिससे आपके मन में प्रसन्नता की अनुभूति होगी।
मकर राशि: आज भाग्य का पूरा सहयोग मिलेगा। परिवार में सुख-समृद्धि आने से मन प्रसन्न रहेगा। आज आपकी कुछ प्रिय लोगों से बात हो सकती है, जिससे अटके कार्य पूरे होंगे। रोजगार की दिशा में सफलता मिलेगी और आपको उपहार और सम्मान मिलने से भी लाभ होगा। अगर आप किसी प्रॉपर्टी में निवेश करने की सोच रहे हैं तो उसके लिए भी दिन अच्छा रहेगा। संतान की नौकरी से संबंधित कोई यात्रा करनी पड़ सकती है, जिसका लाभ आपको भविष्य में अवश्य मिलेगा।
कुंभ राशि: आज अटके हुए कार्यों में सरकारी अधिकारियों से सहयोग मिलेगा। नौकरी पेशा जातकों की पद और प्रतिष्ठा में आज वृद्धि होगी। अचानक से कहीं से रुका हुआ धन भी मिल सकता है, लेकिन आपको अपनी आय और व्यय दोनों में संतुलन बनाकर चलना होगा, तभी आप अपने भविष्य को संभाल पाएंगे। किसी भी तरह के अनावश्यक खर्च से दूर रहने की जरूरत है। व्यापार के सिलसिले में आज आप कुछ यात्रा कर सकते हैं, जो आपके लिए उत्तम रहेगी। विद्यार्थियों को आज कुछ नया सीखने को मिलेगा।
मीन राशि: आज कोई काम पूरे होने से मन में हर्ष की अनुभूति होगी। आज आपको ससुराल पक्ष से सम्मान मिल सकता है। व्यापार में आज आप कुछ नया करने की सोचेंगे तो उसमें आपको बड़ी सफलता मिलेगी और आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर पाएंगे। साथ ही पुराने विवादों और उलझनों से मुक्ति मिलेगी और आपका कंपटीशन भी बढ़ेगा। शाम को आप अपने दोस्तों के साथ मौज-मस्ती में समय बिताएंगे।
“शनि देव को तेल चढ़ाने के पीछे क्या रहस्य है?”–
कथा इस प्रकार है: शास्त्रों के अनुसार रामायण काल में एक समय शनि देव को अपने बल और पराक्रम पर घमंड हो गया था। उस काल में हनुमान जी के बल और पराक्रम की कीर्ति चारों दिशाओं में फैली हुई थी। जब शनि देव को हनुमान जी के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई, तो शनि देव, बजरंग बली से युद्ध करने के लिए निकल पड़े। एक शांत स्थान पर हनुमान जी अपने स्वामी श्रीराम की भक्ति में लीन बैठे थे, तभी वहां शनि देव आ गए और उन्होंने बजरंग बली को युद्ध के लिए ललकारा। युद्ध की ललकार सुनकर हनुमान जी ने शनि देव को समझाने का प्रयास किया, लेकिन शनि देव नहीं माने और हनुमान जी को युद्ध के लिए आमंत्रित करने लगे।
अंत में हनुमान जी भी युद्ध के लिए तैयार हो गए। दोनों के बीच घमासान युद्ध हुआ। हनुमान जी ने शनि देव को बुरी तरह परास्त कर दिया। युद्ध में हनुमान जी द्वारा किए गए प्रहारों से शनि देव के पूरे शरीर में भयंकर पीड़ा हो रही थी। इस पीड़ा को दूर करने के लिए हनुमान जी ने शनि देव को तेल दिया। इस तेल को लगाते ही शनि देव की समस्त पीड़ा दूर हो गई। तभी से शनि देव को तेल अर्पित करने की परंपरा प्रारंभ हुई। मान्यता है कि शनि देव पर जो भी व्यक्ति तेल अर्पित करता है, उसके जीवन की समस्त परेशानियां दूर हो जाती हैं और धन अभाव समाप्त हो जाता है।
प्रथा से जुड़ी दूसरी पौराणिक कथा:
एक अन्य कथा के अनुसार जब भगवान की सेना ने सागर सेतु बांध लिया तब राक्षस, सेतु को हानि न पहुंचा सकें, उसके लिए पवन सुत हनुमान को उसकी देखभाल की ज़िम्मेदारी सौंपी गई। जब हनुमान जी शाम के समय अपने इष्टदेव राम के ध्यान में मग्न थे, तभी सूर्य पुत्र शनि देव ने अपना काला कुरूप चेहरा बनाकर क्रोधपूर्ण कहा- “हे वानर! मैं देवताओं में शक्तिशाली शनि हूं। सुना है तुम बहुत बलशाली हो? आंखें खोलो और मेरे साथ युद्ध करो, मैं तुमसे युद्ध करना चाहता हूं!” इस पर हनुमान जी ने विनम्रतापूर्वक कहा- “इस समय मैं अपने प्रभु को याद कर रहा हूं। आप मेरी पूजा में विघ्न मत डालिए। आप मेरे आदरणीय हैं। कृपा करके आप यहां से चले जाइए।”
जब शनि देव लड़ने पर उतर आए, तो हनुमान जी ने उन्हें अपनी पूंछ में लपेटना शुरू कर दिया और फिर उन्हें कसना प्रारंभ कर दिया। ज़ोर लगाने पर भी शनि देव उस बंधन से मुक्त नहीं हो पाए और पीड़ा से व्याकुल होने लगे। हनुमान जी ने फिर सेतु की परिक्रमा कर शनि देव के घमंड को तोड़ने के लिए पत्थरों पर पूंछ को झटका दे-दे कर पटकना शुरू कर दिया। इससे शनि देव का शरीर लहूलुहान हो गया, जिससे उनकी पीड़ा बढ़ती गई। तब शनि देव ने हनुमान जी से प्रार्थना की और कहा, “मुझे बधंन मुक्त कर दीजिए। मैं अपने अपराध का दण्ड पा चुका हूँ, फिर मुझसे ऐसी भूल नहीं होगी!” तब हनुमान जी ने जो तेल दिया, उसे घाव पर लगाते ही शनि देव की पीड़ा मिट गई। उसी दिन से शनि देव को तेल चढ़ाया जाता है, जिससे उनकी पीड़ा शांत हो जाती है और वे प्रसन्न हो जाते हैं।
हनुमान जी की कृपा से शनि देव की पीड़ा शांत हुई थी, इसी वजह से आज भी शनि देव, हनुमान जी के भक्तों पर विशेष कृपा बनाए रखते हैं।