पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ लंबी बीमारी के बाद दुबई के एक अस्पताल में 79 साल की आयु में रविवार 5 फरवरी को निधन हो गया है। पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज के निधन की जानकारी पाकिस्तान मीडिया जियो न्यूज ने दी है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में उनके परिवार के सदस्यों के हवाले से जानकारी मिली है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पूर्व फोर-स्टार जनरल ने एमाइलॉयडोसिस के कारण दम तोड़ दिया। लंबी बीमारी से जुझ रहे परवेज मुशर्रफ को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परवेज मुशर्रफ ने ही 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को बिना बताए भारत के खिलाफ कारगिल युद्ध की शुरुआत की थी। उन्होंने सेनाध्यक्ष रहते तख्तापलट कर पाकिस्तान में मार्शल लॉ भी घोषित किया था। दावा किया जाता है कि परवेज मुशर्रफ के कारण ही भारत और पाकिस्तान में दुश्मनी और ज्यादा गहरी हुई थी। परवेज मुशर्रफ कारगिल युद्ध के वक्त पाकिस्तानी सेना के प्रमुख थे। कई पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुशर्रफ ने कारगिल युद्ध को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अंधेरे में रखा था। मुशर्रफ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को देश से बाहर जाते ही 1999 में सैन्य तख्तापलट कर दिया था। उस समय नवाज शरीफ श्रीलंका दौरे पर गए थे। पहले तो उन्होंने मॉर्शल लॉ लगाया और बाद में खुद को पाकिस्तान का राष्ट्रपति घोषित कर दिया। बता दें कि 1999 में सफल सैन्य तख्तापलट के बाद मुशर्रफ पाकिस्तान के दसवें राष्ट्रपति थे। तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के साथ अटल बिहारी वाजपेयी की आगरा शिखर वार्ता बेशक फेल रही, लेकिन इसने आगरा का दर्जा पूरी दुनिया की निगाहों में बढ़ा दिया। बता दें कि 11 अगस्त, 1943 को पुरानी दिल्ली में परवेज मुशर्रफ का जन्म हुआ था। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को फांसी की सजा सुनाई गई थी। पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार पेशावर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता में विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने ऐसी सजा सुनाई थी। मई 2016 में पाकिस्तान की कोर्ट ने देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे परवेज मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित किया था। जिसके बाद वे दुबई चले गए थे।