अगर आप इस बार चार धाम यात्रा के लिए आ रहे हैं तो थोड़ा सचेत होने की जरूरत है। बता दें कि आज चार धाम यात्रा का सातवां दिन है। अक्षय तृतीया के दिन यानी 22 अप्रैल से चार धाम यात्रा की शुरुआत हुई थी। लेकिन तभी से भीषण बर्फबारी और खराब मौसम श्रद्धालुओं के लिए मुसीबत बन गया है। इस बार चार धाम यात्रा में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचे हुए हैं। खराब मौसम राज सरकार की भी परेशानी बढ़ा रहा है। उत्तराखंड की धामी सरकार ने इस बार श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो इसके लिए खास इंतजाम किए थे लेकिन लगातार हो रही भीषण बर्फबारी और बारिश ने इंतजामों पर पानी फेर दिया है। पिछले साल 2022 में चार धाम यात्रा के दौरान सैकड़ों तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी। हालांकि अधिकांश मरने वालों में किसी न किसी बीमारी से ग्रसित थे। जैसे हृदय रोगी, डायबिटीज, बीपी आदि बीमारी वाले श्रद्धालुओं को पिछले साल चार धाम यात्रा के दौरान जान गंवानी पड़ी थी। इसके साथ ही तीर्थ यात्रियों की खराब मौसम की वजह से भी मौत हो गई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए इस साल उत्तराखंड की धामी सरकार ने चार धाम यात्रा के दौरान तीर्थ यात्रियों के लिए स्वास्थ्य की दृष्टि से विशेष इंतजाम किए हैं। इसके बावजूद 22 अप्रैल से शुरू होगी चार धाम यात्रा के दौरान अब तक 12 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। गंगोत्री धाम में 3 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद से 4 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इसके अलावा केदारनाथ में 5 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है।
उत्तराखंड में अप्रत्याशित मौसम की स्थिति और कई तीर्थयात्रियों के दिल के दौरे से मौत के बाद उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा से संबंधित एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी 11 भाषाओं (तमिल, मलयालम, तेलुगु, कन्नड़, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, मराठी और उड़िया) में जारी की गई है। इस साल चार धाम यात्रा के दौरान करीब 12 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा, खराब मौसम की स्थिति ने केदारनाथ जाने वाले सैकड़ों तीर्थयात्रियों की धार्मिक यात्रा को प्रभावित किया है। उत्तराखंड में इन दिनों एक बार फिर भारी बर्फबारी और मौसम श्रद्धालुओं को परेशान किए हुए। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने सलाह दी है कि यात्रा शुरू करने से पहले अपने आपको वहां के हालात के अनुकूल ढालना जरूरी है, क्योंकि चारधाम यात्रा से संबंधित मंदिर हिमालय पर 2,700 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित हैं। लिहाजा, तीर्थयात्रियों को यात्रा से पहले चिकित्सा और ट्रेक की तैयारी सुनिश्चित करनी चाहिए, क्योंकि अधिक ऊंचाई के कारण यात्री अत्यधिक ठंड, कम आर्द्रता, अत्यधिक पराबैंगनी विकिरण, कम वायुदाब और कम ऑक्सीजन से प्रभावित हो सकते हैं। एडवाइजरी में तीर्थ यात्रा पर आने वालों से रोजाना 5-10 मिनट तक ब्रीदिंग एक्सरसाइज करना चाहिए। इसके साथ ही रोजाना 20-30 मिनट टहलने की सलाह दी गई है। हृदय रोग, अस्थमा, उच्च रक्तचाप या मधुमेह का इतिहास रखने वाले यात्री यात्रा के लिए फिटनेस सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य जांच करवाएं। वहीं, इन बीमारियों से पीड़ित तीर्थयात्रियों को अपने घरेलू डॉक्टर के संपर्क नंबर के अलावा सभी मौजूदा दवाएं और जांच उपकरण साथ रखने के लिए कहा गया है। एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि अगर डॉक्टर मना करते हैं तो यात्रा नहीं करें। सरकारी एडवाइजरी में अपनी यात्रा से पहले हमेशा मौसम की अपडेट लेते रहे और सुनिश्चित करें कि आपके पास बेहद ठंडे तापमान में प्रबंधन के लिए पर्याप्त गर्म कपड़े हैं। श्रद्धालुओं से ऊनी स्वेटर, थर्मल, पफर जैकेट, दस्ताने, मोज़े, रेन गियर, रेनकोट, छाता और बुनियादी स्वास्थ्य जांच उपकरण जैसे पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर आदि साथ ले जाने के लिए कहा गया है। यदि किसी तीर्थयात्री को सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, लगातार खांसी, चक्कर आना, उल्टी, बर्फीली/ठंडी त्वचा, कमजोरी, या शरीर के एक हिस्से में सुन्नता का अनुभव होता है, तो उन्हें निकटतम स्वास्थ्य सेवा संपर्क केंद्र तक पहुंचना चाहिए। यात्रा के दौरान शराब, नींद की गोलियां और तेज दर्द निवारक दवाओं का सेवन करने से मना किया गया है।
तीर्थयात्रियों को कम से कम दो लीटर तरल पदार्थ पीना चाहिए और पूरी यात्रा के दौरान भरपूर पौष्टिक आहार लेना चाहिए। गौरतलब है कि इस सप्ताह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा के तीर्थयात्रियों के लिए चिकित्सा सुविधाओं से लैस वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। दरअसल, सरकार का इस बार केदारनाथ यात्रा मार्ग पर सरकार का विशेष फोकस है। लिहाजा, हर किलोमीटर पर मेडिकल रिलीफ पोस्ट बनाई गई है। चार धाम में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए 130 डॉक्टरों को लगाया गया है।
मौसम विभाग ने जारी किया बर्फीले तूफान का अलर्ट, यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रुकने की अपील की– चारधाम यात्रा के बीच मौसम विभाग ने उत्तराखंड के चार जिलों को लेकर अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने उत्तराखंड के इन जिलों में पांच दिनों के लिए बर्फीले तूफान की चेतावनी जारी की है। इसके साथ ही प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। और मध्य प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, गुजरात सहित देश के दूसरे राज्यों से आने वाले तीर्थ यात्रियों से अपील की है कि वे उत्तराखंड मौसम का अपडेट लेने के बाद ही यात्रा शुरू करें। यमुनोत्री में दिनभर रुक-रुक कर बर्फबारी जारी है।
वहीं, गंगोत्री की ऊंची चोटियों पर भी ताजा हिमपात और धाम में बारिश की खबर है। लिहाजा, रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने केदारनाथ में हो रही भारी बर्फबारी को देखते हुए यात्रियों से सुरक्षित स्थानों पर रुकने की अपील की है। गौरतलब है कि धामों में बारिश का दौर जारी है, जिसकी वजह से तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। इसी कारण मौसम विभाग ने नया अलर्ट जारी करते हुए यात्रियों से कहा है कि वे अभी जहां है वहीं रुक जाएं और मौसम का अपडेट लेने के बाद ही आगे बढ़ें।