शोकसीपीआई (एम) महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी का गुरुवार (12 सितंबर) को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 72 वर्ष के थे। उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था। सीताराम येचुरी को पिछले महीने 19 अगस्त को दिल्ली के AIIMS आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया था। उस दौरान उन्हें सांस लेने में दिक्कत और तेज बुखार की शिकायत थी। डॉक्टरों को जांच में पता चला कि वह एक्यूट रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से पीड़ित हैं। एम्स में डॉक्टरों की एक टीम उनका इलाज कर रही थी। लेकिन उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी। सोमवार को उन्हें ICU में शिफ्ट किया गया था। येचुरी ने लगभग 50 साल पहले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक छात्र नेता के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और 2015 में सीपीआई (एम) प्रमुख बने। उनके कार्यकाल के दौरान, पार्टी ने पिछले साल पहली बार कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन कर भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (इंडिया) का गठन किया।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सीताराम येचुरी मेरे अच्छे दोस्त थे। वे भारत के विचार के सच्चे रक्षक थे और देश को अच्छी तरह समझते थे। मैं उनके साथ की गई लंबी चर्चाओं को बहुत याद करूंगा। इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि येचुरी के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। वे एक अनुभवी सांसद थे और उनका जाना राष्ट्रीय राजनीति के लिए बड़ी क्षति है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि येचुरी जी के निधन पर गहरा दुख हुआ। वह भारतीय राजनीति के एक दिग्गज नेता थे। वह मुद्दों की बारीक समझ रखने वाले और जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ाव के लिए जाने जाते थे। उनकी आत्मा को शांति मिले।
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