रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करके पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने निर्दोष लोगों की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की। पुतिन ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूरा समर्थन देने की बात कही।
भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीएम मोदी से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि इस जघन्य हमले के दोषियों और उनके समर्थकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-रूस विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और अधिक गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर शुभकामनाएं दीं और उन्हें इस वर्ष के अंत में भारत में आयोजित होने वाले 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया।
इससे पहले 3 मई को रूसी संघ के विदेश मंत्री एस वी लावरोव ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ टेलीफोन पर बातचीत में पहलगाम के पास हुए आतंकवादी हमले पर चर्चा की थी। लावरोव ने जयशंकर के साथ बातचीत में दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच मतभेदों को सुलझाने का आह्वान किया। उन्होंने इसका द्विपक्षीय आधार पर राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से समाधान निकालने पर जोर दिया था।
गौरतलब हो, पहलगाम हमले के बाद भारत ने सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कड़े जवाबी कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में 23 अप्रैल को हुई सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की बैठक में भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखने का निर्णय लिया, जब तक पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन देना बंद नहीं कर देता और एकीकृत अटारी चेक पोस्ट को बंद नहीं कर देता।
केंद्र सरकार ने सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत दिए गए सभी वीजा को रद्द करने का भी फैसला किया और पाकिस्तान को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया। भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं भी तत्काल निलंबित कर दी है।
इसके अतिरिक्त, भारत ने पाकिस्तान से आयातित या निर्यातित सभी वस्तुओं के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात और पारगमन पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है, चाहे उनकी आयात स्थिति कुछ भी हो