अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से कश्मीर पर मध्यस्थता का ऑफर पाकर पाकिस्तान गदगद हो गया था और इसके लिए तैयार भी हो गया। हालांकि भारत ने अपने पुराने रुख पर कायम रहते हुए इस प्रस्ताव को सीधे शब्दों में ठुकरा दिया है। भारत पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच भारत ने अमेरिका को साफ कर दिया है कि अगर पाकिस्तान से बात की जाएगी तो वो सिर्फ पीओके और आतंक के आकाओं की वापसी पर होगी। इसके अलावा किसी भी तरह की बातचीत नहीं होगी। सरकारी सूत्रों ने कहा, “कश्मीर पर हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है, केवल एक मामला बचा है- पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की वापसी। इसके अलावा बात करने के लिए कुछ नहीं है। अगर वे आतंकवादियों को सौंपने की बात करते हैं तो हम बात कर सकते हैं। हमारा किसी अन्य विषय पर कोई इरादा नहीं है। हम नहीं चाहते कि कोई मध्यस्थता करे। हमें किसी की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि ‘वहां से गोली चलेगी, यहां से गोला चलेगा’। पीएम ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है। अगर वे गोली चलाएंगे तो हम गोली चलाएंगे और अगर वे हमला करेंगे तो हम हमला करेंगे। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर तीनों लक्ष्य हासिल किए सैन्य उद्देश्य- पीएम मोदी ने कहा था आतंकवादियों को मिट्टी में मिला देंगे। बहावलपुर, मुरीदके और मुजफ्फराबाद कैंप को मिट्टी में मिला दिया। राजनीतिक उद्देश्य- सिंधु जल संधि सीमा पार आतंकवाद से जुड़ी है। जब तक सीमा पार से आतंकवाद बंद नहीं हो जाता, तब तक यह स्थगित रहेगी। मनोवैज्ञानिक उद्देश्य- ‘घुस के मारेंगे’, हमने उनके दिल में गहरी चोट पहुंचाई। हम सफल रहे।
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