भारत के अनुभवी टेनिस खिलाड़ी और दो बार के ग्रैंडस्लैम चैम्पियन रोहन बोपन्ना ने शनिवार को पेशेवर टेनिस को अलविदा कह दिया जिससे एटीपी टूर पर उनके दो दशक से अधिक के कैरियर पर विराम लग गया। 45 वर्ष के बोपन्ना ने आखिरी बार इस सप्ताह पेरिस मास्टर्स में खेला जिसमे वह कजाखस्तान के अलेक्जेंडर बुबलिक के साथ पहले दौर में हार गए। कर्नाटक के कूर्ग के रहने वाले बोपन्ना ने ‘अलविदा ..लेकिन अंत नहीं ‘ शीर्षक से अपने भावुक बयान में लिखा,’आधिकारिक रूप से खेल से विदा ले रहा हूं।’बोपन्ना ने आगे लिखा,’आप उस चीज से विदा कैसे ले सकते हैं जिसने आपकी जिंदगी को मायने दिये । टूर पर बीस यादगार वर्ष बिताने के बाद अब विदा लेने का समय है। भारत के छोटे से शहर कूर्ग से सफर की शुरूआत करने से लेकर , सर्विस दमदार बनाने के लिये लकड़ी के टुकड़े कांटने, स्टेमिना बढ़ाने के लिये कॉफी के बागानों के बीच से जॉगिंग करने से लेकर दुनिया के सबसे बड़े कोर्ट पर दूधिया रोशनी में अपने सपनों को पूरा करने तक। सब सपने जैसा लगता है।’
बोपन्ना ने अपने इस फैसले की घोषणा सोशल मीडिया पर की। उन्होंने लिखा, ‘जिस चीज ने मेरे जीवन को अर्थ दिया, उससे विदाई कैसे लूं? 20 अविस्मरणीय वर्षों के बाद अब समय आ गया है कि मैं आधिकारिक तौर पर अपना रैकेट टांग दूं। कूर्ग में अपनी सर्व को मजबूत करने के लिए लकड़ी काटने से लेकर दुनिया के सबसे बड़े एरेना की रोशनी में खड़े होने तक, यह सब अविश्वसनीय लगता है। भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है। जब भी मैं कोर्ट पर उतरा, मैंने तिरंगे, उस भावना और उस गर्व के लिए खेला।’
बोपन्ना 2000 के दशक की शुरुआत में पेशेवर खिलाड़ी बने और भारत के सबसे सफल युगल खिलाड़ियों में से एक बन गए। वह अपनी दमदार सर्व और एटीपी टूर पर लंबे समय तक टिके रहने के लिए जाने जाते थे। अपने कैरियर के दौरान उन्होंने कई डेविस कप मुकाबलों, ग्रैंड स्लैम और ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने कनाडा की गैब्रिएला डाब्रोवस्की के साथ 2017 में फ्रेंच ओपन मिश्रित युगल खिताब जीता जो उनका पहला ग्रैंडस्लैम था। इसके बाद 2024 आस्ट्रेलियाई ओपन में मैथ्यू एबडेन के साथ पुरुष युगल खिताब जीता। उन्होंने 2023 में एबडेन के साथ इंडियन वेल्स खिताब जीता तो 43 वर्ष की उम्र में सबसे उम्रदराज एटीपी मास्टर्स चैम्पियन बने । वह 2024 में सबसे उम्रदराज युगल नंबर एक खिलाड़ी भी बने।

