आज अप्रैल की आखिरी 30 तारीख और रविवार का दिन है। संडे होने की वजह से पूरा देश “आराम के मूड” में था। लेकिन पंजाब के शहर लुधियाना में हुई दर्दनाक घटना ने देशवासियों को झकझोर दिया। 39 साल पहले मध्य प्रदेश की राजधानी “भोपाल में हुई गैस कांड” की आज यादें ताजा कर दी। पंजाब का लुधियाना ऐसा शहर है जो अपने ऊन और होजरी कपड़ों के साथ अपनी जिंदादिली के लिए देश-विदेश में जाना जाता है। लुधियाना शहर के लिए आज सुबह का समय गहरे जख्म दे गया। रविवार होने की वजह से अधिकांश लोग घरों में सोए हुए थे। लुधियाना के ग्यासपुरा क्षेत्र में सुबह गैस रिसाव होने की वजह से 11 लोगों की जान चली गई है। मरनेवालों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। कम से कम 12 लोग गंभीर रूप से बीमार हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसा शहर के ग्यासपुरा इंडस्ट्रियल एरिया के नजदीक एक इमारत में बने मिल्क बूथ में सुबह 7:15 बजे हुआ। एक ही परिवार के 5 लोगों की सोने के दौरान ही मौत हो गई है। गैस रिसाव होने की वजह से आसपास कई मोहल्लों में हड़कंप मच गया लोग इधर-उधर भागते रहे। पहले मोहल्ले के लोग समझ नहीं पाए उन्हें घुटन और सांस लेने में तकलीफ क्यों हो रही है। देखते देखते ही लोगों में भगदड़ मच गई। मरने वालों में एक ही परिवार के पांच लोगों में तीन बच्चे शामिल हैं।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि सूचना पाकर मौके पर एनडीआरएफ, फायर बिग्रेड, पुलिस प्रशासन के साथ भारी संख्या में राहत बचाव कर्मी पहुंचे। राहत बचाव दल भी मास्क लगाए हुए था। गैस के रिसाव से और नुकसान न हो, पुलिस ने आसपास के 300 मीटर के इलाके को खाली करा दिया है। इसके साथ ही गैस का रिसाव बंद करने का प्रयास किया जा रहा है। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों और फायर ब्रिगेड के मुताबिक एक किराना दुकान से गैस रिसाव कैसे हुआ। गैस कौन सी थी, यह जांच के बाद ही पता चलेगा। हालांकि आशंका जताई जा रही है कि अमोनिया गैस ही लीक हुई है। लुधियाना की डिप्टी कमिश्नर सुरभि मलिक ने कहा कि इस हादसे में अभी तक 11 लोगों की जान जा चुकी है। हवा के प्रदूषित होने के कारण यह घटना घटी है। ऐसा हो सकता है कि मेनहोल में मिलने वाली मीथेन गैस के साथ किसी कैमिकल का रिएक्शन हुआ हो। इस सबकी जांच की जाएगी कि कैसे यह हादसा हुआ। एनडीआरएफ की टीम सेंपल ले रही है। पंजाब के सीएम भगवंत मान ने लुधियाना में गैस रिसाव की घटना पर दुख जताया है। सीएम मान ने ट्वीट कर कहा लुधियाना के ग्यासपुरा इलाके में फैक्ट्री से गैस रिसाव की घटना बेहद दुखद है। पुलिस, सरकार और एनडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद है। हर संभव मदद की जा रही है। लुधियाना गैस लीक कांड में मारे गए परिजनों को पंजाब की मान सरकार ने 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है। बता दें कि गैस लीक जिले के एक किराना की दुकान से हुई। बताया जा रहा है कि दुकान में चार बड़े डीप फ्रीजर रखे थे जिनमें सुबह साढ़े सात बजे गैस लीक हो गई। इस दौरान दुकान में जितने भी लोग आए थे उन सभी की मौत हो गई। यहां तक कि लोगों के बचाव में आने वाले भी इस हादसे का शिकार हो गए।
लुधियाना गैस लीक में मरने वालों की पहचान हो गई है। इसमें कविलाश (37), पत्नी वर्षा, (35), बेटी कल्पना (16) अभय (13) और आर्यन (10) हैं। ये सभी मूल रूप से बिहार के जिला गया, गांव भीमपुर मंजियावा, थाना कोंच के निवासी है। ये परिवार पिछले 30 सालों से ग्यासपुरा लुधियाना में रह रहा है। इसके अलावा सौरव गोयल (35), पत्नी प्रीति (31), मां कमलेश गोयल (60) की भी इस हादसे में मौत हो गई है। ये सभी ग्यासपुरा के ही रहने वाले हैं। इसने अलावा नवनीत (39), पत्नी नीतू देवी (37) की भी दम घुटने से मौत हो गई है। ये सभी मूल निवासी गांव शीतल बकुरहर, पुलिस स्टेशन सराय, वैशाली, बिहार के रहने वाले हैं। इसके अलावा एक अज्ञात महिला (25 साल लगभग) की भी इस हादसे में मौत हो गई है।
लुधियाना में हुआ ये गैस कांड कोई पहला या दूसरा गैस कांड नहीं है। ऐसा हादसा देश में पहले भी कई बार हो चुका है। जिसमें मुख्य रूप से 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी और साल 2020 में हुई विशाखापट्टनम गैस लीक ट्रैजडी शामिल है।भोपाल गैस त्रासदी की गिनती सबसे खतरनाक औद्योगिक दुर्घटना में होती है। यह घटना आज भी लोगों को झकझोर कर रख देती है। इस घटना में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में यूनियन कार्बाइड की फैक्ट्री में मिथाइल आइसोसाइनेट गैस लीक हो गई थी। दरअसल फैक्ट्री के टैंक नंबर 610 में जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट गैस पानी से मिल गई जिससे टैंक में दबाव बन गया और वो खुल गया। इस हादसे ने हजारों लोगों की जान ले ली थी। बता दें कि इस घटना का असर इतना ज्यादा था कि इससे लाखों लोग विकलांग बन बन गए। आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में भी साल 2020 में भोपाल गैस त्रासदी जैसी ही एक घटना हुई थी। इस घटना में 7 मई को सुबह 3 बजे एलजी के पॉलिमर प्लांट में स्टाइरीन नाम का एक सिंथेटिक केमिकल क रिसाव हुआ जिसके चलते लगभग 11 लोगों की मौत हो गई। आसपास का पूरा गांव इस हादसे की चपेट में आया था। उस समय गैस के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए आसपास के 6 गांवों को खाली करवाया गया था।