अभी तक केंद्रीय विद्यालयों में एमपी कोटा (सांसद कोटे) के तहत बच्चों को दाखिला मिल जाता था। इसके साथ सिफारिश के आधार पर भी कई विद्यार्थी एडमिशन पा जाते थे। लेकिन अब सरकार ने सख्त रवैया अपनाते हुए पुरानी व्यवस्था को खत्म कर दिया है। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने संशोधित प्रवेश दिशा निर्देशों के अनुसार केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए सांसदों के विवेकाधीन कोटा को समाप्त कर दिया। अब केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन लेना आसान नहीं होगा। इसके लिए सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है। इन गाइडलाइंस केंद्रीय विद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट kvsangathan.nic.in पर जारी किया गया है। केंद्रीय विद्यालय द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस के तहत अब भारतीय थलसेना, वायुसेना, नौसेना और कोस्ट गार्ड के प्रत्येक शिक्षा निदेशक, डिफेंस सेक्टर में बने केंद्रीय विद्यालय में हर साल 6-6 बच्चों के नाम की सिफारिश कर सकेंगे। वहीं केंद्रीय विद्यालयों में काम करने वाले कर्मचारियों के बच्चों को साल के किसी भी समय स्कूल में बिना एंट्रेंस के एडमिशन मिल सकेगा। अगर बच्चे को 9वीं में एडमिशन चाहिए तो उसे एंट्रेंस टेस्ट देना पड़ेगा। एंट्रेंस टेस्ट को पास करने के बाद ही बच्चे को एडमिशन मिलेगा। केंद्रीय विद्यालय संगठन के मुताबिक जिन केंद्रीय कर्मचारियों की नौकरी के दौरान ही मौत हो गई थी, उनके बच्चों का भी विद्यालय में सीधा एडमिशन हो पाएगा। नई गाइडलाइंस के तहत, उन बच्चों को भी केंद्रीय विद्यालय में दाखिला मिलेगा, जिनके माता-पिता दोनों की कोविड में जान चली गई। ऐसे अनाथ बच्चों का एडमिशन जिलाधिकारी की सिफारिश पर हो सकेगा।