उत्तराखंड की धामी सरकार ने चार धाम यात्रा को पूरे साल भर (शीतकालीन में भी) आयोजन करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। अभी तक यह यात्रा सर्दियों के सीजन में बंद हो जाती है। आमतौर पर हर साल अप्रैल से लेकर नवंबर तक चार धाम यात्रा के दौरान पूरे उत्तराखंड में रौनक रहती है। हर साल लाखों यात्री बाबा केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन करने आते हैं। चार धाम यात्रा से राज्य सरकार को भी राजस्व में भी अच्छा खासा मुनाफा होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार, 30 नवंबर को कहा कि केदारनाथ समेत चारों धामों के शीतकालीन गद्दीस्थलों की शीतकालीन यात्रा हो, इसके लिए योजना बनाई गई है और इसे तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी तक चारधाम यात्रा चार-छह माह चलती है, लेकिन आने वाले समय में यह शीतकालीन गद्दीस्थलों में भी चले और सालभर तीर्थयात्रियों का आवागमन रहे, इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
केदारनाथ की नवनिर्वाचित विधायक आशा नौटियाल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने विधानसभा भवन पहुंचे मुख्यमंत्री धामी पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शीतकालीन स्थलों पर आने वाले यात्रियों, पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसे प्राथमिकता से लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि शीतकाल में देश के अनेक स्थानों में धुंध रहने के साथ ही सूर्य के दर्शन नहीं होते। ऐसे में वहां के लोग उत्तराखंड आएंगे तो उन्हें सूर्य दिखेगा और हिमालय भी। साथ ही बेहतर पर्यावरण मिलेगा। यात्रियों व पर्यटकों को यहां आने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। आने वाले समय में यात्रा सालभर की होगी।