देश के नवनियुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने आज (बुधवार) कार्यभार संभाला। कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए पहला कदम मतदान है। इसलिए भारत का हर नागरिक जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका है, उन्हें मतदाता जरूर बनना चाहिए और मतदान जरूर करना चाहिए। भारत के संविधान, चुनावी कानूनों, नियमों और उसमें जारी निर्देशों के अनुसार चुनाव आयोग मतदाताओं के साथ था, है और रहेगा।
सीईसी ने युवा मतदाताओं से खास अपील की
आज सुबह ज्ञानेश कुमार ने मुख्य चुनाव आयुक्त का पदभार ग्रहण किया। इसके बाद सीईसी ने युवा मतदाताओं से खास अपील की। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि राष्ट्र निर्माण की पहली सीढ़ी मतदान है, इसलिए जो 18 साल की आयु पार कर चुका है, उसे मतदान करना चाहिए।
बता दें कि 17 फरवरी को चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को नया मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) नियुक्त किया गया। कानून मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर जानकारी दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विपक्ष के नेता राहुल गांधी की चयन समिति ने इस संबंध में दिल्ली में बैठक की थी, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के उत्तराधिकारी के तौर पर ज्ञानेश कुमार को चुना गया।
हरियाणा के मुख्य सचिव विवेक जोशी को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया
वहीं, हरियाणा के मुख्य सचिव विवेक जोशी को ज्ञानेश कुमार की पदोन्नति के बाद चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया। ज्ञानेश कुमार के साथ चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किए गए सुखबीर सिंह संधू अपने पद पर बने रहेंगे।
राजीव कुमार ने भारत के 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्य किया
इस बीच, निवर्तमान सीईसी राजीव कुमार, जिन्होंने भारत के 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्य किया। उन्होंने चुनाव आयोग को “लोकतंत्र की पूजा का स्थान” बताते हुए मंगलवार को पद छोड़ दिया। उन्होंने संस्थान के भविष्य और नई टीम के नेतृत्व पर भरोसा जताया। चुनाव आयोग के एक आधिकारिक बयान के अनुसार राजीव कुमार 1 सितंबर, 2020 को चुनाव आयुक्त के रूप में ईसीआई में शामिल हुए और 15 मई, 2022 को उन्होंने सीईसी के रूप में कार्यभार संभाला था। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने संरचनात्मक, तकनीकी और प्रशासनिक क्षेत्रों में मौन लेकिन गहन सुधार लागू किए।
कौन हैं ज्ञानेश कुमार ?
आपको बता दें, केरल कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार तीन सदस्यीय पैनल के दो आयुक्तों में से वरिष्ठ हैं, जिसका नेतृत्व राजीव कुमार ने किया था। पैनल के दूसरे आयुक्त उत्तराखंड कैडर के अधिकारी सुखबीर सिंह संधू हैं।
ज्ञानेश कुमार 1988 केरल कैडर के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं। इससे पहले वह संसदीय कार्य मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय में सचिव के पद पर कार्य कर चुके हैं। गृह मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
जम्मू-कश्मीर मामलों को संभालने में ज्ञानेश कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका
गौरतलब हो, जम्मू-कश्मीर मामलों को संभालने में ज्ञानेश कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जब 2019 में अनुच्छेद 370 को अप्रभावी घोषित किया गया था, तब वह गृह मंत्रालय में जम्मू-कश्मीर डेस्क के प्रभारी थे।
उन्होंने केरल में विभिन्न पदों पर भी काम किया है, जिनमें एर्नाकुलम के जिला कलेक्टर और केरल राज्य सहकारी बैंक के एमडी के पद शामिल हैं।
उन्होंने आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री प्राप्त की
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री प्राप्त की है और आईसीएफएआई से बिजनेस फाइनेंस तथा हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पर्यावरण अर्थशास्त्र की पढ़ाई की है।उन्होंने 15 मार्च, 2024 को चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला और वे उत्तराखंड कैडर के सुखबीर संधू के साथ चयन पैनल द्वारा नियुक्त दो आयुक्तों में से एक थे।
नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का कार्यकाल 26 जनवरी 2029 को समाप्त होगा। उनकी देखरेख में इस साल के अंत में बिहार विधानसभा चुनाव और अगले साल बंगाल, असम और तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव होंगे।