अंतरराष्ट्रीय वन दिवस आज, विकास की दौड़ के साथ प्राकृतिक संपदा को भी सहेजना होगा - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
July 5, 2025
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राष्ट्रीय

अंतरराष्ट्रीय वन दिवस आज, विकास की दौड़ के साथ प्राकृतिक संपदा को भी सहेजना होगा

पूरी दुनिया विकास की दौड़ में अपनी प्राकृतिक संपदा को भी भूलती जा रही है। अगर यही हाल रहा तो आने वाले समय में हमें हरियाली, हरे भरे पेड़ और जंगलों को ढूंढना पड़ेगा। ‌इसके साथ देश और दुनिया में तेजी के साथ बढ़ रहे वायु प्रदूषण भी वनों के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है। अभी भी वक्त है अगर न संभलें तो आने वाले समय में हम लोग ऑक्सीजन के लिए भी तरस जाएंगे। अगर देश की बात करें तो आज हरियाली का तेजी के साथ कटान हो रहा है या गायब हो रही है। इसका जिम्मेदार और कोई नहीं बल्कि हम लोग हैं। यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब आपको जंगलों को ढूंढना पड़ेगा। 21 मार्च को हर साल दुनिया अंतरराष्ट्रीय वन दिवस (फॉरेस्ट डे) बनाती है। ‌ यह दिन सभी तरह के वनों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन देशों को वनों और पेड़ों से संबंधित गतिविधियों का आयोजन करने के लिए स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को प्रोत्साहित किया जाता है। इन गतिविधियों में वृक्षारोपण अभियान भी शामिल हैं। वन दिवस को लेकर हर साल कौन कोई थीम रखी जाती है । बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 28 नवंबर 2012 को एक प्रस्ताव पारित करते हुए प्रतिवर्ष 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय वन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। प्रत्येक अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस के लिए थीम को जंगलों पर सहयोगात्मक भागीदारी द्वारा चुना जाता है। इस वर्ष विश्व वानिकी दिवस 2022 की थीम ‘वन और सतत उत्पादन और खपत’ है। पूरे विश्व में वन भूमि पर सबसे अधिक जैविक रूप से विविध पारिस्थितिक तंत्र पाया जाता है और जानवरों पौधों और कीड़ों के 80 प्रतिशत से अधिक प्रजातियों को समायोजित करते हैं। वन पृथ्वी की सतह के 30 प्रतिशत हिस्से को कवर करते हैं और लाखों प्रजातियों के लिए महत्वपूर्ण आवास हैं। वे स्वच्छ हवा और पानी के स्त्रोत हैं और निश्चित रूप से जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। विश्व भर में लगभग 1.6 बिलियन लोग भोजन आश्रय ऊर्जा दवाओं और आय के लिए सीधे वनों पर निर्भर हैं। आज पूरी दुनिया विकास के मुहाने पर है। लेकिन इसके साथ हमसे जंगल भी दूर होते जा रहे हैं। ‌दुनिया हर साल 10 मिलियन हेक्टेयर जंगलों को खो रही है जो कि वनों पर आश्रित रहने वाले समुदाय पर एक बड़ा खतरा उत्पन्न करती है और मानवता के सामने एक मुख्य समस्या है। अगर अपने देश में वन और वृक्षों का आवरण अब 8,09,537 वर्ग किलोमीटर है। कुल वनावरण 7,13,789 वर्ग किलो मीटर, (भौगोलिक क्षेत्र का 21.71 प्रतिशत) और वृक्षों का आवरण 95,748 वर्ग किलो मीटर (भौगोलिक क्षेत्र का 2.91 प्रतिशत) है। जो कि विश्व के अन्य देशों की तुलना में काफी कम है।

World forest day

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