उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दल के नेता सियासी दांव के साथ एक दूसरे से मुलाकात करने में लगे हुए हैं। इसके साथ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की छोटे-छोटे दलों से गठबंधन कर रहे हैं। गुरुवार को प्रतापगढ़ के कुंडा से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव से लखनऊ स्थित आवास पर अचानक हुई मुलाकात इन दिनों काफी सुर्खियों में है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है और राजनीतिक गलियारों में इसको लेकर चर्चा बढ़ गई है। हालांकि इस मुलाकात पर राजा भैया का कहना है कि मुलायम सिंह के जन्मदिन पर वह हमेशा उनसे मिलकर उन्हें शुभकामनाएं देते आए हैं। इलेक्शन से जोड़कर इसे न देखा जाए। लेकिन फिर भी कयास लगाए जा रहे हैं कि मुलायम सिंह से मुलाकात के पहले राजा भैया की अखिलेश यादव से फोन पर बात हो चुकी थी। गौरतलब है कि पिछले दिनों राजा भैया ने कहा था कि उनकी पार्टी ‘जनसत्ता दल लोकतांत्रिक’ यूपी में 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और वहां से कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं करेगी, जहां से योगी आदित्यनाथ उम्मीदवार होंगे। हालांकि मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे राजा भैया पिछले काफी समय से अपनी पार्टी को मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं। अखिलेश यादव सरकार में प्रभावी रहे राजा भैया के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी नजदीकी के चर्चा सियासी गलियारों में रहती है। बता दें कि 2003 से 2007 तक मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री काल में राजा भैया खाद्यान्न मंत्री भी थे। तभी से रघुराज प्रताप सिंह और समाजवादी पार्टी के बीच अच्छे संबंध माने जाते हैं। राजा भैया और मुलायम सिंह की मुलाकात के बाद अटकलें शुरू हो गई हैं।