महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेसियों ने राजधानी दिल्ली में सुबह से लेकर शाम तक केंद्र सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर कर धरना-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत तमाम कांग्रेसी नेता “काले कपड़े” पहनकर नजर आए। कांग्रेसी नेताओं के प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस के जवान लगाए गए। वहीं संसद परिसर में सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेसी सांसदों ने महंगाई के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद राहुल गांधी संसद से राष्ट्रपति भवन तक सड़क से मार्च निकालने के लिए रवाना हुए। लेकिन रास्ते में पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इसके बाद प्रियंका गांधी पार्टी के सांसदों के साथ काले कपड़े पहन कर पीएम आवास को घेरने जा रही थी लेकिन यहां भी पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इस प्रदर्शन में सबसे बड़ी बात नहीं की कांग्रेस के सभी सांसद (जिसमें महिला और पुरुष दोनों शामिल) सभी काले लिबास में नजर आए। 6 घंटे की हिरासत के बाद राहुल और प्रियंका गांधी को शाम 7 बजे रिहा कर दिया गया है। पूरे दिन कांग्रेस के राजधानी दिल्ली में चले प्रदर्शन के बाद शाम को गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा बयान दिया है। ”समाचार एजेंसी एएनआई को दिए गए इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि आज तो ईडी की पूछताछ भी नहीं थी फिर कांग्रेस ने प्रदर्शन क्यों किया। आज राम मंदिर की नींव पड़ी थी। कांग्रेस ने छिप तौर पर इसका विरोध किया। गृह मंत्री अमित शाह ने काले कपड़ों में प्रदर्शन करने पर भी सवाल उठाया। कहा कि जिस दिन राम मंदिर का शिलापूजन हुआ, उसी दिन को विरोध प्रदर्शन के लिए क्यों चुना। कांग्रेस इस तरह से तुष्टिकरण की अपनी नीति को आगे बढ़ाया है”। आपको बता दें कि पिछले साल 5 अगस्त 2021 को अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास और पूजन किया था। राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास के आज पूरे एक साल हो गए हैं।