शुक्रवार को दिल्ली स्थित इंडिया गेट अमर जवान ज्योति की लौ को नेशनल वॉर मेमोरियल में विलय कर दिया गया था। केंद्र सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस समेत विपक्ष ने कड़ी नाराजगी जताई थी। कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट करके भाजपा सरकार पर शहीदों के अपमान का भी आरोप लगाया। अभी यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि आज एक बार फिर केंद्र सरकार ने एक और परंपरा में बदलाव किया है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पसंदीदा भजन की धुन ‘एबाइड विद मी‘ बापू की पुण्यतिथि से एक दिन पहले 29 जनवरी को होने वाले दिल्ली के विजय चौक बीटिंग रिट्रीट समारोह में नहीं बजाई जाएगी ।

यह धुन 71 वर्षों से हर साल महात्मा गांधी की पुण्यतिथि से एक दिन पहले बजाई जाती रही है। शनिवार को भारतीय सेना ने ब्रोशर जारी किया है । ब्रोशर में 26 धुनों को भी सूचीबद्ध किया गया है जो इस साल के विजय चौक पर होने वाले समारोह में बजाए जाएंगे। ब्रोशर में कहा गया है कि इस साल के समारोह का समापन ‘सारे जहां से अच्छा’ के साथ होगा। यहां हम आपको बता दें कि 1847 में स्कॉटिश एंग्लिकन कवि और भजन विज्ञानी हेनरी फ्रांसिस लिटे द्वारा लिखित एबाइड विद मी 1950 से बीटिंग रिट्रीट समारोह का हिस्सा रहा है।

बताया जा रहा है यह पश्चिम सभ्यता होने की वजह से इस धुन को हटाया गया है। बता दें कि 2020 में पहली बार इसे समारोह से हटा दिया गया। इस पर काफी विवाद होने के बाद साल 2021 में इसे फिर से समारोह में शामिल कर लिया गया। हर साल 29 जनवरी की शाम को दिल्ली के विजय चौक पर आयोजित होने वाला बीटिंग रिट्रीट समारोह, गणतंत्र दिवस उत्सव के समापन का प्रतीक होता है। बीटिंग रिट्रीट एबाइड विद मी भजन के साथ समाप्त होता था। हालांकि इस मामले में अभी केंद्र सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। वहीं दूसरी ओर महात्मा गांधी की रिट्रीट समारोह से पसंदीदा धुन हटाने पर विपक्ष और केंद्र सरकार के बीच एक नया विवाद फिर से बढ़ सकता है।