देश के कई राज्यों में मूसलाधार बारिश आफत बनी हुई है। महाराष्ट्र, गुजरात के साथ पहाड़ी राज्यों हिमाचल और उत्तराखंड में भी लगातार बारिश के बाद जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। उत्तराखंड के टिहरी में भारी बारिश लोगों पर कहर बनकर टूट रही है। वहीं बूढ़ाकेदार के समीप बालगंगा नदी तट पर बनी तीन मकान देखते ही देखते ताश के पत्ते की तरह ढह गए। लोगों ने मौके से भागकर जान बचाई। वहीं बालगंगा का जलस्तर बढ़ने से लोग खौफजदा हैं।
भारी बारिश में नदियां उफान पर आ गईं हैं। सड़कों पर मलबा आने से ट्रैफिक थम गया है और बारिश की वजह से कई घर जमींदोज हो गए हैं। वहीं टिहरी जिले में भारी बारिश से बालगंगा नदी उफान पर बह रही है।
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टिहरी जिले में बारिश लोगों पर आफत बनकर टूट रही है। बूढ़ाकेदार क्षेत्र में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। घनसाली के तौली गांव में भारी बारिश के बाद देर रात एक घर पर मलबा गिर गया। जिससे महिला सरिता देवी और उसकी बेटी अंकिता (15) के दबने से मौत हो गई। मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने दोनों शवों को निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
वहीं, मौसम विभाग ने महाराष्ट्र के 8 जिलों पुणे, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, सातारा, चंद्रपुर, गोंदिया और गढ़चिरौली में शनिवार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
भारी बारिश के बीच महाराष्ट्र के नवी मुंबई स्थित शाहबाज में एक तीन मंजिला इमारत गिर गई। हादसे में तीन लोग मलबे में दब गए। इनमें से एक की मौत हो गई, जबकि दो लोगों को बचा लिया गया है। इधर, गुजरात के भी कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात हैं। 2700 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया। बाढ़ प्रभावित इलाकों में 2200 लोग नवसारी और 500 लोग तापी जिले के हैं।
मौसम विभाग ने 27 जुलाई को देहरादून जिले में भारी बारिश की संभावना के चलते 1 से 12 क्लास तक और आंगनवाड़ी केंद्रों में एक दिन की छुट्टी का ऐलान किया है।
26 जुलाई की रात यमुना में आई बाढ़ के बाद यमुनोत्री धाम के हालात खराब हो गए हैं। मंदिर, पार्किंग और रसोई जैसी जगहों पर बड़े-बड़े बोल्डर से नुकसान पहुंचा है।