80 और 90 के दशक में देश में लोकप्रिय हुए बजाज स्कूटर के संस्थापक और जाने माने उद्योगपति राहुल बजाज ने दुनिया को अलविदा कह दिया। बजाज स्कूटर एक समय हर घर की शान हुआ करता था। ‘हमारा बजाज’ के नाम से स्कूटर का समाचार पत्रों और दूरदर्शन पर विज्ञापन सुनाई पड़ता था। देश में बजाज स्कूटर को लाने वाले राहुल बजाज ही थे। एक समय बजाज स्कूटर की सवारी लोगों की पहचान थी।उस दौर में शान से लेकर निकलते थे। राहुल बजाज का 83 साल की आयु में शनिवार दोपहर महाराष्ट्र के पुणे में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया वह काफी समय से कैंसर से जूझ रहे थे। बजाज लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे। उनके निधन की खबर आते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने श्रद्धांजलि देना शुरू कर दिया है। 2001 में उन्हें पद्म भूषण का सम्मान भी मिल चुका है। उन्हें निमोनिया था और दिल की भी समस्या थी। राहुल बजाज ने दोपहर 2.30 बजे आखिरी सांस ली है। इस दौरान उनके परिवार के करीबी सदस्य उनके पास मौजूद थे। राहुल बजाज का जन्म 10 जून 1938 को कोलकाता में हुआ था। राहुल बजाज मारवाड़ी बिजनेसमैन परिवार से थे। राहुल बजाज ने एक लंबे वक्त तक बजाज ग्रुप की जिम्मेदारी संभाली थी। साल 1965 में उन्होंने बजाज की कमान अपने हाथ में ली। उनकी अगुआई में बजाज ऑटो का टर्नओवर 7.2 करोड़ से 12 हजार करोड़ तक पहुंच गया और यह स्कूटर बेचने वाली देश की अग्रणी कंपनी बन गई। वे 50 साल तक बजाज ग्रुप के चेयरमैन रहे। 2005 में राहुल ने बेटे राजीव को कंपनी की कमान सौंपनी शुरू की थी। तब उन्होंने राजीव को बजाज ऑटो का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया था, जिसके बाद ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में कंपनी के प्रोडक्ट की मांग न सिर्फ घरेलू बाजार में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी बढ़ गई।
