प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज शनिवार को जोहान्सबर्ग में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन के पहले सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को इन्क्लूसिव एंड सस्टेनबल ग्रोथ (समावेशी और सतत विकास) को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करना होगा। यह सम्मेलन, जो पहली बार दक्षिण अफ्रीका में हो रहा है, वैश्विक विकास की प्राथमिकताओं पर पुनर्विचार करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि भारत के प्राचीन “समग्र मानववाद” (Integral Humanism) जैसे मूल्य दुनिया को संतुलित और मानव-केंद्रित विकास की दिशा दिखा सकते हैं। उन्होंने जोर दिया कि वैश्विक चुनौतियों का समाधान सहयोग और साझा प्रयासों के बिना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने G-20 देशों के लिए एक “Global Healthcare Response Team” बनाने का प्रस्ताव रखा। यह टीम आपातकालीन स्वास्थ्य स्थितियों या प्राकृतिक आपदाओं के समय तेजी से मदद पहुंचाने के लिए प्रशिक्षित मेडिकल विशेषज्ञों का समूह होगा। इसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच समन्वय को मजबूत करना है ताकि किसी भी बड़े संकट के समय सामूहिक रूप से तुरंत कार्रवाई की जा सके।
इसके साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी ने सिंथेटिक ड्रग्स-विशेषकर फेंटेनाइल के बढ़ते खतरे पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने “G20 Initiative on Countering the Drug–Terror Nexus” शुरू करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद के वित्तपोषण के बीच गहरा संबंध है, जिसे तोड़ने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करना होगा। यह वैश्विक सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए आवश्यक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत सहयोग-आधारित समाधानों में विश्वास करता है और वैश्विक स्वास्थ्य व सुरक्षा को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

