हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर नेता विपक्ष बनने के 1 घंटे बाद ही एक्शन में आ गए हैं। जैसे ही रविवार 25 दिसंबर को भाजपा हाईकमान ने जयराम ठाकुर को नेता विपक्ष बनाया उन्होंने सुखविंदर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपनी टीम को लेकर शिमला स्थित राजभवन में पहुंचे और उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सरकार की राज्यपाल से शिकायत की। जयराम ठाकुर के इस फैसले के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच लड़ाई खुलकर मैदान में आ गई है। जयराम ठाकुर ने राजभवन में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को एक ज्ञापन सौंपा है। पूर्व मुख्यमंत्री के दिए गए ज्ञापन में सुखविंदर सरकार के पूर्व भाजपा सरकार के दफ्तर बंद करने का मामला उठाया गया है। इस ज्ञापन में जयराम ठाकुर ने बताया कि राज्य की सुक्खू सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में प्रदेश सरकार ने पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा जनता के हितों व सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बजटीय प्रावधान के साथ जो सरकारी संस्थान खोले थे, उन्हें राजनैतिक द्वेष के चलते बंद करने के आदेश पारित किए हैं। हिमाचल प्रदेश में अब तक 574 कार्यालयों को बंद किया गया है। जो न केवल जनविरोधी है, बल्कि तानाशाही निर्णय है. जिसे कदापि सहन नहीं किया जा सकता।