उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेताओं में शुमार रहे बसपा के पूर्व सांसद उमाकांत यादव को आखिरकार आज कोर्ट ने उनके गुनाहों की सजा दे दी। 27 साल पहले सिपाही हत्याकांड में अदालत ने पूर्व सांसद उमाकांत यादव समेत सात आरोपियों को दीवानी न्यायालय के एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसी महीने 5 अगस्त को बहुचर्चित शाहगंज जीआरपी सिपाही हत्याकांड में पूर्व सांसद उमाकांत यादव समेत 7 लोग दोषी करार दिया गया था। जिस पर फैसला सुरक्षित रखते हुए आज सजा सुनाई गई है। यह घटना 4 फरवरी 1995 को यूपी के शाहगंज रेलवे स्टेशन पर घटित हुई थी। स्टेशन गोलियों से गूंज उठा था। गोलीबारी में शाहगंज जीआरपी चौकी पर का सिपाही अजय सिंह की मौत हो गई थी। वहीं दूसरे सिपाही लल्लन सिंह, रेलवे कर्मचारी निर्मल वडर्सन और यात्री भरत लाल जख्मी हो गए थे। इस हत्याकांड का आरोप मछली शहर के पूर्व सांसद उमाकांत यादव समेत 7 लोगों पर लगा था। इस हत्याकांड के मुकदमे में न्यायालय ने सभी आरोपियों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मछली शहर से बसपा के टिकट पर सांसद रह चुके उमाकांत यादव की गिनती बाहुबली नेताओं में होती रही है।