जब खराब मौसम होता है तो उसका असर सड़कों से लेकर आसमान तक दिखाई देता है। बुधवार, 21 मई को शाम को भारी बारिश के साथ आंधी, तूफान आने से दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में मौसम खराब रहा। भारी बारिश के बाद वातावरण पूरा घना (अंधेरा) हो गया। इसका असर सड़कों पर चलने वाले वाहनों पर तो हुआ ही साथ ही हवा में उड़ रहे विमानों पर भी दिखाई दिया। गनीमत रही कि बड़ा हादसा होने से टल गया। दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6E2142 में उस वक्त हड़कंप मच गया जब अचानक हुई ओलावृष्टि के चलते विमान हवा में जोर से कांपने लगा। विमान में सवार 200 से अधिक यात्री डर और घबराहट में आ गए।
खराब मौसम के कारण विमान को आपातकालीन लैंडिंग करानी पड़ी। इस दौरान विमान के आगे के हिस्से को हल्का नुकसान भी हुआ। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में देखा जा सकता है कि विमान के अंदर यात्री, खासकर बच्चे, चीखते और रोते नजर आ रहे हैं। तूफानी हालात में भी पायलट ने साहस और कुशलता से विमान को सुरक्षित श्रीनगर में उतार दिया, जिसके लिए उनकी खूब सराहना हो रही है। यात्रियों की जान बचाने के लिए पायलट को सलाम।
श्रीनगर जा रही इंडिगो की उड़ान के खराब मौसम के कारण आपात स्थिति में उतरने के पल को याद करते हुए तृणमूल कांग्रेस की नेता सागरिका घोष ने बुधवार को कहा कि यह मौत के करीब पहुंचने जैसा अनुभव था। तृणमूल का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर जाने वाली उस उड़ान में सवार था, जिसमें खराब मौसम के कारण व्यवधान उत्पन्न हुआ।

इस विमान में प्रतिनिधिमंडल के सदस्य डेरेक ओ’ब्रायन, नदीमुल हक, सागरिका घोष, मानस भुइयां और ममता ठाकुर शामिल थे। उन्होंने कहा कि उस पायलट को सलाम जिसने हमें उस स्थिति से निकाला। जब हम उतरे तो हमने देखा कि विमान का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था।

इंडिगो एयरलाइंस ने एक बयान में कहा कि फ्लाइट ने रास्ते में अचानक ओलावृष्टि का सामना किया और सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विमान को सुरक्षित उतारा गया। सभी यात्रियों की भलाई और आराम का विशेष ध्यान रखा गया। विमान को फिलहाल ‘एयरक्राफ्ट ऑन ग्राउंड’ (एओजी) घोषित किया गया है, यानी तकनीकी जांच और मरम्मत तक उसे उड़ान के लिए उपयोग में नहीं लाया जाएगा।

विमान में टर्बुलेंस या हलचल का मतलब होता है- हवा के उस बहाव में बाधा पहुंचना, जो विमान को उड़ने में मदद करती है। ऐसा होने पर विमान हिलने लगता है और अनियमित वर्टिकल मोशन में चला जाता है यानी अपने नियमित रास्ते से हट जाता है। इसी को टर्बुलेंस कहते हैं। कई बार टर्बुलेंस से अचानक ही विमान ऊंचाई से कुछ फीट नीचे आने लगता है। यही वजह है कि टर्बुलेंस की वजह से विमान में सवार यात्रियों को ऐसा लगता है, जैसे विमान गिरने वाला है।

टर्बुलेंस में प्लेन का उड़ना कुछ हद तक वैसा ही है, जैसे-उबाड़-खाबड़ सड़क पर कार चलाना। कुछ टर्बुलेंस हल्के होते हैं, जबकि कुछ गंभीर होते हैं। किसी भी प्लेन को स्थिर तौर पर उड़ने के लिए जरूरी है कि इसके विंग के ऊपर और नीचे से बहने वाली हवा नियमित हो। कई बार मौसम या अन्य कारणों से हवा के बहाव में अनियमितता आ जाती है, इससे एयर पॉकेट्स बन जाते हैं और इसी वजह से टर्बुलेंस होता है।