देश में केंद्र सरकार की साल 2016 में की गई नोटबंदी को सुप्रीम कोर्ट ने सही माना है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 2 जनवरी को अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि काले धन को लेकर किया गया केंद्र सरकार का सही फैसला था। इसी के साथ 6 साल बाद केंद्र सरकार को अदालत की ओर से बड़ी राहत मिली है। बता दें कि केंद्र सरकार ने 8 नवंबर 2016 को अचानक देश में नोटबंदी लागू की थी. इसके तहत 1000 और 500 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था। इस फैसले के बाद पूरे देश को नोट बदलवाने के लिए लाइनों में लगना पड़ा था। नोटबंदी के फैसले के खिलाफ 58 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फैसले लेने में ऊचित प्रक्रिया का पालन किया गया। पांच जजों में से चार ने सरकार के फैसले को सही माना जबकि एक ने उनसे अलग राय व्यक्त की। जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर, बीआर गवई, एएस बोपन्ना, वी रामासुब्रमण्यन और बीवी नागरत्ना बेंच में शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना ने बेंच के इस फैसले पर आरबीआई एक्ट के सेक्शन 26(2) के अंतर्गत केंद्र सरकार की शक्तियों को लेकर अपनी असहमति जताई है। पांच जजों की खंडपीठ नोटबंदी के खिलाफ लगी याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी। जिस पर 7 दिसंबर 2022 को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।