बसंत पंचमी 26 जनवरी को उत्तराखंड स्थित विश्व प्रसिद्ध धाम बाबा बद्रीनाथ के कपाट खुलने की घोषणा हो गई है। गुरुवार को राजमहल नरेंद्र नगर में आयोजित एक धार्मिक समारोह के दौरान श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर खुलेंगे। गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा का 12 अप्रैल को निकलेगी। राजदरबार नरेंद्र नगर में बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आयोजित धार्मिक समारोह में पंचांग गणना के बाद विधि-विधान के साथ कपाट खुलने की तिथि तय हुई। इस मौके पर टिहरी राजपरिवार सहित श्री बद्री-केदार मंदिर समिति, डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद थे। इस कार्यक्रम में महारानी राजलक्ष्मी, राजपुरोहित आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल, बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय मौजूद थे।

बता दें कि बद्रीनाथ धाम के कपाट पिछले साल 19 नवंबर को शीतकालीन के लिए बंद किए गए थे। अलकनंदा नदी के किनारे चमोली जिले में गढ़वाल पहाड़ी की पटरियों पर स्थित, बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। बद्रीनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल में बंद कर दिए जाते हैं। चार धाम में शामिल है बदरी-विशाल मंदिर यह तीर्थ चार प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक है जिसे ‘चार धाम’ कहा जाता है जिसमें यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ भी शामिल हैं। यह उत्तराखंड के बद्रीनाथ शहर में स्थित है। यह हर साल छह महीने (अप्रैल के अंत और नवंबर की शुरुआत के बीच) के लिए खुला रहता है।