9 नवंबर साल 2000 में जब उत्तराखंड का गठन हुआ था तब यूपी के साथ कई परिसंपत्तियों को लेकर विवाद चला आ रहा था। आखिरकार 21 साल बाद उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच राज्य संपत्तियों के बंटवारे पर आज फाइनल मुहर लग गई । चुनावी साल होने की वजह से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पिछले महीने हुई मुलाकात रंग लाई। बता दें कि पिछले माह 17 नवंबर को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने मुलाकात की थी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दो दिवसीय यूपी दौरे पर गए थे। जहां यूपी-उत्तराखंड की परिसंपत्तियों को लेकर चल रहे विवाद पर चर्चा हुई। दोनों मुख्यमंत्रियों की बैठक में तय किया गया था कि उत्तराखंड और यूपी में संपत्तियों का आधा आधा बंटवारा होगा। संपत्ति बंटवारे मामले में पहले दोनों प्रदेशों की जनसंख्या के अनुपात में पैमाना निर्धारित किया गया था। इस दौरान दोनों प्रदेशों के उच्च अधिकारी भी मौजूद रहे थे। बंटवारे के अनुसार हरिद्वार कुंभ मेले की जमीन यूपी के पास ही रहेगी। साथ ही धौरा, बैगुल, नानक सागर जलाशय उत्तराखंड को मिल गए हैं। उधमसिंह नगर किच्छा बस स्टैंड भी उत्तराखंड के हिस्से आया है। वहीं उत्तराखंड को अलकनंदा पर्यटक आवास हरिद्वार भी मिल गया है। इसके अतिरिक्त बनबसा बैराज का मेंटेनेंस यूपी सरकार करवाएगी।
21 साल बाद यूपी-उत्तराखंड के बीच परिसंपत्तियों का आज हुआ फैसला, दोनों राज्यों को क्या-क्या मिला जानिए
previous post