मणिपुर हिंसा को लेकर संसद के मानसून सत्र पर विपक्षी सांसद लगातार केंद्र सरकार से जवाब मांग रहे हैं। संसद के मानसून सत्र के तीसरे दिन सोमवार को भी कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने सदन में जमकर हंगामा किया और नारेबाजी की। विपक्षी दलों के विरोध के कारण सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए बैठने के कुछ ही मिनटों के भीतर स्थगित कर दी गई। दोपहर 12 बजे जब सदन दोबारा शुरू हुआ तो सभापति ने मणिपुर पर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य की दलीलों को नजरअंदाज करते हुए प्रश्नकाल को रोकने की कोशिश की। उत्तेजित विपक्षी सदस्य अपनी कुर्सियों पर खड़े हो गए और धीरे-धीरे “नरेंद्र मोदी-जवाब दो” (प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए) के नारे लगाते हुए वेल की ओर बढ़े।
सोमवार दोपहर 12:10 बजे आप के फ्लोर नेता संजय सिंह मणिपुर मुद्दे पर धनखड़ से पूछने के लिए आसन की ओर बढ़े। इस पर सदन के नेता पीयूष गोयल ने उनके निलंबन की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे शोर-शराबे के बीच ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। जिसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया। संजय सिंह को सस्पेंड किए जाने पर आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि संजय सिंह की कोई आवाज दबा नहीं सकता है।
सदन को दोपहर के भोजन के लिए स्थगित कर दिया गया। सभापति ने तीन सांसदों- आप के राघव चड्ढा, टीएमसी के शांतनु सेन और सीपीआई के बिनॉय विश्वम को बैठक से बाहर जाने के लिए कहा, यह कहते हुए कि यह विशेष रूप से फ्लोर नेताओं के लिए बुलाई गई है। चड्ढा ने तर्क दिया कि वह अपने निलंबित सांसद का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, लेकिन सूत्रों के अनुसार इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। विपक्ष ने इसका विरोध करते हुए बैठक से वॉकआउट कर दिया।