आतंकी हमले के 13 साल, शान से दौड़ने वाली मुंबई 26/11 की रात थम गई थी - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
December 11, 2023
Daily Lok Manch
राष्ट्रीय

आतंकी हमले के 13 साल, शान से दौड़ने वाली मुंबई 26/11 की रात थम गई थी

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई को देश में सपनों का शहर कहा जाता है। यह शहर ऐसा है जो कभी नहीं सोता है। हमेशा शान से दौड़ता है, लेकिन 13 साल पहले एक आतंकी हमले के दौरान मुंबई की रफ्तार थम गई थी। सरहद पार से आतंकियों ने मुंबई को लहूलुहान कर दिया था। ‌सड़कों पर कत्लेआम से देश ही नहीं बल्कि दुनिया सहम गई थी। ‌भारत के इतिहास में यह ऐसा आतंकी हमला था जिसके घाव अभी भी भरे नहीं हैं। इसे 26/11 के नाम से जाना जाता है। साल 2008 की 26 नवंबर की रात देश के करोड़ों लोग कभी नहीं भूल पाएंगे। आतंकवादियों ने मुंबई को बम और गोलीबारी से दहला दिया था। ये इतिहास का सबसे भीषण और भयावह आतंकी हमला था। इसमें 160 से अधिक लोगों की जान चली गई, जिनमें 18 सुरक्षाकर्मी भी थे। मुंबई आतंकी हमले की 13वीं बरसी पर देश उन वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दे रहा है जिन्होंने अपने प्राण न्योछावर कर दिए, लेकिन देश पर कोई आंच नहीं आने दी। सपनों का यह शहर कभी न सोता है न रुकता है लेकिन उस शाम को मुंबई की रफ्तार थम गई । मुंबई हमेशा की तरह शान से दौड़-भाग रही थी। शहर के लोग जानते भी नहीं थे कि 10 लोग हथियार लेकर अरब सागर से होते हुए उन तक पहुंच रहे हैं। इन 10 आतंकियों के बैग में 10 एके-47, 10 पिस्टल, 80 ग्रेनेड, 2 हजार गोलियां, 24 मैगजीन, विस्फोटक और टाइमर्स रखे थे। मुंबई उतरने के बाद आतंकी दो-दो के ग्रुप में बंट गए और अलग-अलग रास्तों पर चल पड़े। आइए बात करते हैं 26 नवंबर साल 2008 की शाम को मुंबई कैसे ठहर गई थी। आतंकियों ने सबसे पहला हमला रात 9 बजकर 43 मिनट पर मुंबई के लियोपॉल्ड कैफे के बाहर किया। आतंकी जिस टैक्सी से आए थे, उसी में उन्होंने टाइम बम लगा दिया था। टैक्सी रुकी ही थी कि बम फट गया। ड्राइवर और टैक्सी में बैठी दो महिलाओं की तुरंत मौत हो गई। जब लोग वहां से भागे, तो दो आतंकियों ने सड़क से ही एके-47 से फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में 9 लोग मारे गए। मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर हमला हुआ। इसे दो आतंकियों अजमल कसाब और इस्माइल खान ने अंजाम दिया था। कसाब लोगों पर गोलियां चला रहा था, जबकि इस्माइल का काम वहां से भाग रहे लोगों पर ग्रेनेड फेंकने का था। इस हमले में सबसे ज्यादा 58 लोग मारे गए थे। सीएसटी पर हमले के बाद कसाब और इस्माइल वहां से कामा अस्पताल पहुंचे। अस्पताल के बाहर आतंकियों से मुठभेड़ हुई, जिसमें उस समय के एटीएस चीफ हेमंत करकरे, मुंबई पुलिस के अशोक कामटे और विजय सालसकर शहीद हो गए। उसके बाद आतंकियों ने ताज होटल में इस घटना को अंजाम दिया । ओबेरॉय होटल में भी दो आतंकी ढेर सारे गोला-बारूद के साथ घुसे। बताया जाता है कि हमले के वक्त होटल में 350 लोग मौजूद थे। एनएसजी के कमांडों ने दोनों आतंकियों को मार गिराया। लेकिन तब तक 32 लोगों की जान जा चुकी थी।


सुरक्षाबलों ने 9 आतंकियों को मार गिराया, कसाब को जिंदा पकड़ा था–


बता दें कि 26/11 के तीन बड़े मोर्चों में मुंबई का ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल और नरीमन हाउस शामिल था। जब हमला हुआ तो ताज में 450 और ओबेरॉय में 380 मेहमान मौजूद थे। खासतौर से ताज होटल की इमारत से निकलता धुंआ तो बाद में मुंबई पर हुए इस हमले की पहचान बन गया। 26 नवंबर की रात 9 बजकर 43 मिनट से शुरू हुआ आतंक का तांडव 29 नवंबर की सुबह 7 बजे खत्म हुआ। मौत का ये तांडव 60 घंटे तक चला। इस हमले में 160 से अधिक लोग मारे गए थे। 9 आतंकियों को एनकाउंटर में मार दिया गया था। जबकि, एकमात्र आतंकी अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया। कसाब को 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई। 13 साल बाद भी मुंबई अटैक के जख्म अभी भी भरे नहीं है। आज मुंबई के साथ देशवासी उस हमले को याद कर शहीद हुए सुरक्षाबलों और लोगों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

Related posts

आतंकियों की कायराना हरकत : जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (जेल) की गला रेत कर हत्या, शव को जलाने की भी कोशिश, सुरक्षा एजेंसियों में मचा हड़कंप

admin

एक साल 9 माह बाद 15 दिसंबर से शुरू होंगी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें, 14 देशों में अभी लगी रहेगी रोक

admin

कार्रवाई : हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा नेता प्रेम सिंह ड्रैक को दिखाया बाहर का रास्ता

admin