भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद और संघ विचारक राकेश सिन्हा की एक सप्ताह पहले हुई दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हुई नियुक्ति पर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने कड़ी आलोचना करते हुए रोष जताया है। ‘जफरुल इस्लाम ने राकेश सिन्हा की जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में नियुक्ति पर जैसे मुस्लिम धर्म में मातमी माहौल में जो बोला जाता है वहीं उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है’। बता दें कि भाजपा राज्य सभा सांसद राकेश सिन्हा की जामिया यूनिवर्सिटी के (अंजुमन सभा) में सदस्य के तौर पर नियुक्ति हुई है। सिन्हा की इस नियुक्ति के खिलाफ जफरुल इस्लाम सोशल मीडिया पर नफरत फैला रहे हैं। खान ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘संघी विचारक को जामिया मिलिया अंजुमन का सदस्य बनाया गया है। (इन्ना लिल्लाही वा इन्ना इलैही राजिऊन, यह लाइन मुस्लिम धर्म में मातमी माहौल में बोली जाती है) आपको बता दें कि कट्टरपंथी जफर इस्लाम इससे पहले भी अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में रहे हैं। जफरुल इस्लाम खान को कट्टरपंथी जाकिर नायक का समर्थक भी माना जाता है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि जामिया मिलिया इस्लामिया की अंजुमन कोर्ट विश्वविद्यालय का सर्वोच्च प्राधिकरण है। इसमें 59 सदस्य शामिल हैं। इसमें कुलपति और अन्य महत्वपूर्ण पदाधिकारियों के अलावा लोकसभा के दो सदस्य और राज्यसभा से एक सदस्य भी होता है। अंजुमन कोर्ट के सदस्यों का कार्यकाल तीन साल का होता है। अंजुमन कोर्ट विश्वविद्यालय के निर्णय लेने की प्रक्रिया में हिस्सा लेती है।
