महिला आरक्षण से जुड़ा ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ बुधवार को लोकसभा में दो-तिहाई बहुमत से पास हो गया। महिला आरक्षण विधेयक के पक्ष में 454 वोट पड़े और बिना किसी परेशानी के इस बिल को निचले सदन की मंजूरी मिल गई। वहीं विरोध में दो वोट पड़े।
वोटिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे। अब बिल को राज्यसभा में गुरुवार 21 सितंबर को पेश किया जाएगा। संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा में बुधवार को करीब 60 सांसदों ने भाग लिया।
इस दौरान ज्यादातर विपक्षी पार्टियों ने बिल का समर्थन किया, साथ ही इसे जल्द लागू करने और ओबीसी कोटा शामिल करने की मांग की। वहीं सरकार ने इसे बड़ा कदम बताते हुए कहा कि जनगणना और परिसीमन जरूरी है।
बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष के दावों का केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, स्मृति ईरानी, अर्जुन मेघवाल समेत अन्य नेताओं ने जवाब दिया। वहीं विपक्ष की तरफ से कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चर्चा की शुरुआत की। इसके बाद एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले, समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव, डीएमके सांसद कनिमोझी और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा समेत कई महिला विपक्षी सांसदों ने सरकार पर निशाना साधा।
अमित शाह ने कहा, ”सोशल मीडिया पर कुछ लोग कह रहे हैं कि इस बिल का समर्थन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें ओबीसी, मुस्लिमों का आरक्षण नहीं है। अगर आप इस बिल का समर्थन नहीं करेंगे तो क्या आरक्षण जल्दी होगा? अगर आप इस बिल का समर्थन करते हैं तो कम से कम गारंटी तो देंगे।
अमित शाह ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा- ओबीसी आरक्षण, परिसीमन का मुद्दा या जनगणना को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, मैं सबका जवाब देता हूं। सबसे पहला जवाब विद्यमान संविधान में तीन तरह के सांसद आते हैं, जो सामान्य, SC और ST कैटेगरी से आते हैं। ये तीनों कैटेगरी में हमने महिलाओं का 33 फीसदी आरक्षण कर दिया है। अब एक तिहाई सीटों को आरक्षित करना है तो वह सीट कौन तय करेगा? हम करें? अगर वायनाड आरक्षित हो गया तो आप कहेंगे हमने राजनीति की है।
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि उन्हें लगता है कि सरकार सेक्रेटरी चलाते हैं। सरकार कैबिनेट से चलता है । इन्होंने कहा कि देश जो लोग चलाते हैं उनमें सिर्फ तीन ओबीसी हैं। मै कहता हूं कि देश सरकार चलाती है। देश के नीतियों का निर्धारण कैबिनेट करती है। इस देश की संसद करती है। बीजेपी में 29 फीसदी सांसद ओबीसी से हैं। 85 सांसद ओबीसी से हैं. तुलना करना है तो कर लीजिए। 29 मंत्री ओबीसी से हैं. हमने ओबीसी से प्रधानमंत्री दिया है।
महिला आरक्षण बिल लागू होने में देरी को लेकर विपक्ष के आरोपों पर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि परिसीमन को लेकर सवाल खड़ा किया जा रहा है। परिसीमन के सेक्शन 8 और 9 में ये कहा गया है कि संख्या देकर ही निर्धारण होता है। इन तकनीकी चीजों में हम जाएंगे तो आप चाहते हैं कि ये बिल फंस जाए. लेकिन हम इस बिल को फंसने नहीं देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने तय किया है कि महिला आरक्षण का विषय हॉरिजोन्टल भी है और वर्टिकल भी है। अब तुरंत तो परिसीमन, जनगणना नहीं हो सकती. आप कह रहे हैं कि तुरंत दे दीजिए।
राहुल गांधी ने क्या कहा–
राहुल गांधी ने महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन किया। उन्होंने कहा- मेरी नजर में एक चीज (ओबीसी कोटा नहीं होना) इस विधेयक को अपूर्ण बनाती है। मैं चाहता हूं कि इस विधेयक में ओबीसी आरक्षण को शामिल किया जाना चाहिए था। यह बहुत जरूरी है कि भारत की आबादी के एक बड़े हिस्से, महिलाओं के बड़े हिस्से की आरक्षण तक पहुंच होनी चाहिए। इस विधेयक में यही नहीं है।
राहुल गांधी ने कहा- दो ऐसी चीजें है जो मुझे अजीबो-गरीब लगती हैं। एक यह कि विधेयक को लागू करने के लिए ताजा जनगणना की जरूरत बतायी गयी है. दूसरा यह कि विधेयक को लागू करने के लिए नए परिसीमन की जरूरत है। मेरा विचार है कि यह विधेयक आज ही लागू हो सकता है।
उन्होंने दावा किया कि भारत सरकार में 90 सचिव हैं जिनमें केवल तीन ओबीसी समुदाय से आते हैं और वे सिर्फ पांच प्रतिशत बजट को नियंत्रित करते हैं। राहुल गांधी ने सरकार से देश में तत्काल जातीय जनगणना कराने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘यह जो सूची है वो ओबीसी समाज का अपमान है।