देश के इतिहास में यह पहली बार होगा जब अंतरराष्ट्रीय नियमित उड़ानों पर लंबे समय तक प्रतिबंध लगा रहा। हालांकि बायो-बबल योजना के तहत विदेशों के लिए हवाई सेवा जारी रही लेकिन उसमें कोरोना की पाबंदियों के साथ बनाए गए नियम यात्रियों को परेशान भी करते रहे। आखिरकार आज 2 साल बाद अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स उड़ान भरने के लिए तैयार हैं। केंद्र सरकार ने इसी महीने 8 मार्च को इंटरनेशनल हवाई सेवा नियमित करने के लिए हरी झंडी दे दी थी। केंद्र फैसले के बाद भारत से विदेश जाने वाले यात्रियों को भी इंतजार था। बता दें कि रविवार से चालीस देशों के लिए 6 भारतीय और 60 विदेशी एयरलाइंस के विमानों की उड़ान शुरू होंगी। भारत से 3,249 वीकली फ्लाइट्स उड़ेंगी, लेकिन इनमें से चीन के लिए फ्लाइट नहीं है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने विमान में सीटें खाली छोड़ने और पीपीई किट पहनने जैसी सभी पाबंदियां हटा दी हैं। मास्क पहनना जरूरी रहेगा। भारत में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन 23 मार्च 2020 से ही बंद है। कोविड महामारी की पहली लहर आने के साथ ही इस पर रोक लगी थी और समय के साथ वह पाबंदी बढ़ती चली गई। बता दें कि कुछ देशों के साथ बायो-बबल व्यवस्था के तहत कोरोना काल में भी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित होती रही हैं लेकिन वह एक सीमित व्यवस्था रही है। इसके साथ ही कोविड रोकथाम संबंधी प्रावधानों को भी संशोधित किया गया है। अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा शुरू होने से इस क्षेत्र को विकास की उड़ान भरने में मदद मिलेगी।
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