देश में इन दिनों मानसून सत्र चल रहा है। इसके साथ नए उपराष्ट्रपति का पदभार कौन संभालेगा सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष के नेताओं की भी निगाहें लगी हुई है। वहीं चार दिन बाद जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद क्या कारण रहे, कोई नहीं समझ पा रहा है। धनखड़ के इस्तीफा को लेकर राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म है। खैर यह तो राजनीति का विषय है ! अब आइए जानते हैं कि देश के अगले उपराष्ट्रपति कौन होंगे । धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद कई नेताओं के उपराष्ट्रपति बनने को लेकर नाम चर्चाओं में जारी है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह का नाम ने उपराष्ट्रपति बनने की दौड़ में शामिल है। इसी कड़ी में दो नाम और जुड़ गए हैं जो भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ वर्तमान में राज्यपाल की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
इन दोनों राज्यपालों के नाम हैं ओम माथुर और थावरचंद गहलोत। यह दोनों ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की गुड लिस्ट में भी है। हालांकि यह भी सच है कि पीएम मोदी और शाह के युग को कोई समझ नहीं पाया है। हाल के वर्षों में भारतीय जनता पार्टी नए चेहरे को सामने लाकर ऐनमौके पर चौंकाती भी रही है। वहीं दूसरी ओर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के 3 दिनों के भीतर निर्वाचन आयोग ने इस पद के लिए चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। चुनाव की तारीखें जल्द घोषित की जाएंगी। इस बीच, भाजपा इस पद के लिए अपनी विचारधारा के प्रति समर्पित कार्यकर्ता को उम्मीदवार बना सकती है। फिलहाल जिन नामों पर पार्टी में विचार चल रहा है, उनमें कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। अन्य नाम सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर का भी है। आयोग ने इस पद के लिए निर्वाचक मंडल, रिटर्निंग ऑफिसर और अन्य जरूरी चीजों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।

आयोग की तैयारियों के बीच भाजपा की कोशिश होगी कि इस पद का उम्मीदवार किसी अन्य सहयोगी को बनाने की जगह अपने उम्मीदवार का नाम तय कर उसके नाम पर सहयोगी दलों को राजी करे। उपराष्ट्रपति के लिए विपक्ष भी एक मजबूत कैंडिडेट उतारने की तैयारी कर चुका है। हालांकि अभी तक विपक्ष को से उपराष्ट्रपति कौन होगा नाम घोषित नहीं किया है। उम्मीद की जानी चाहिए अगले दो-तीन दिनों में उपराष्ट्रपति का नाम सामने आ जाएगा।
उल्लेखनीय है कि दरअसल, जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक देश के 14वें उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को धनखड़ का इस्तीफा मंजूर कर लिया था। 74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था।
बता दें कि भारतीय संविधान में कार्यवाहक उपराष्ट्रपति का प्रविधान नहीं है। हालांकि, उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं, इसलिए वर्तमान उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह उनकी अनुपस्थिति में सदन की अध्यक्षता करेंगे।
कब होंगे उपराष्ट्रपति के चुनाव?
राष्ट्रपति पद के लिए, संविधान के अनुसार रिक्त पद को छह महीने के भीतर भरना आवश्यक है लेकिन उपराष्ट्रपति पद के लिए ऐसी कोई निश्चित समय-सीमा नहीं है। केवल यह आवश्यक है कि पद रिक्त होने के बाद यथाशीघ्र चुनाव कराए जाएं। चुनाव आयोग कार्यक्रम की घोषणा करेगा। यह चुनाव राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 के तहत होता है। परंपरा के अनुसार, संसद के किसी भी सदन के महासचिव को बारी-बारी से निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया जाता है।
नया उपराष्ट्रपति कितने समय तक पद पर रहेगा?
ये चुनाव इसलिए हो रहा है क्योंकि जगदीप धनखड़ ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है, लेकिन नया उपराष्ट्रपति पदभार ग्रहण करने की तिथि से पूरे पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगा न कि केवल धनखड़ का शेष कार्यकाल।
उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?
उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों और मनोनीत सदस्यों से मिलकर बने एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। राष्ट्रपति चुनाव के विपरीत, इसमें राज्य विधानसभाएं भाग नहीं लेतीं। यह चुनाव संसद भवन में आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार गुप्त मतदान द्वारा सिंगल ट्रांसफरेबल वोट के माध्यम से किया जाता है। प्रत्येक सांसद उम्मीदवारों को वरीयता क्रम के हिसाब से वोट डालता है।
निर्वाचित होने के लिए, किसी उम्मीदवार को न्यूनतम आवश्यक मतों की संख्या प्राप्त करनी होती है, जिसे कोटा कहा जाता है। इसकी गणना कुल वैध मतों की संख्या को दो से विभाजित करके और एक जोड़कर की जाती है। यदि पहले चरण में कोई भी उम्मीदवार कोटा पार नहीं करता है, तो सबसे कम प्रथम वरीयता वाले मत पाने वाले उम्मीदवार को हटा दिया जाता है, और उनके मत द्वितीय वरीयता के आधार पर शेष उम्मीदवारों को हस्तांतरित कर दिए जाते हैं। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक कि एक उम्मीदवार कोटा पार नहीं कर लेता।
उपराष्ट्रपति पद के लिए पात्रता
उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति को भारत का नागरिक होना चाहिए, कम से कम 35 वर्ष का होना चाहिए, राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने के योग्य होना चाहिए और किसी भी संसदीय क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकृत होना चाहिए। उन्हें राष्ट्रपति, राज्यपाल या मंत्री जैसे पदों को छोड़कर, केंद्र या राज्य सरकारों के अधीन किसी भी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए।