उत्तराखंड देवभूमि में आज एक और बड़ी धार्मिक यात्रा की शुरुआत हुई। बाबा अमरनाथ यात्रा के बीच आज उत्तराखंड के टनकपुर से विभिन्न राज्यों के आए 45 श्रद्धालुओं को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए पहले दल को हरी झंडी दिखाकर स्वागत किया। मुख्यमंत्री के स्वागत से सभी यात्री खुश दिखाई दिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यात्रियों का पारंपरिक रूप से स्वागत किया तथा उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े स्मृति चिह्न भेंट किए।

मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं का किया स्वागत
मुख्यमंत्री ने 11 राज्यों से आए सभी श्रद्धालुओं से संवाद कर उनका देवभूमि उत्तराखंड में हार्दिक स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने का सौभाग्य हर किसी को नहीं मिलता, यह केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मिक और आध्यात्मिक जागरण का मार्ग है। उन्होंने कहा श्रद्धालु इस अद्वितीय यात्रा के सहभागी बनकर केवल यात्रा नहीं, बल्कि समर्पण की अनुभूति लेकर जा रहे हैं।
सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड की पवित्र धरती के कण-कण में भगवान शिव का वास है। यह यात्रा अब केवल भौगोलिक मार्ग नहीं रही, बल्कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व और दृढ़ संकल्प से यह सीमाओं को लांघते हुए शिव से साक्षात्कार का सशक्त माध्यम बन गई है। पहले जिस यात्रा में सात दिन या उससे अधिक का समय लगता था, अब वह कुछ ही घंटों में संभव हो सकी है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार इस यात्रा को सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए पूरी तरह समर्पित है। प्रत्येक पड़ाव पर स्वास्थ्य, आवास, भोजन, सुरक्षा और अन्य आवश्यक सुविधाएं सुदृढ़ की गई हैं, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने भगवान भोलेनाथ से सभी यात्रियों की सफल, मंगलमय और सुरक्षित यात्रा की कामना की।
इस अवसर पर सभी श्रद्धालुओं ने चम्पावत वासियों के आत्मीय व्यवहार के लिए आभार व्यक्त किया और यात्रा को स्मरणीय व सुरक्षित बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार की उत्कृष्ट व्यवस्थाओं की सराहना की।
इस दौरान आयुक्त कुमाऊं मंडल दीपक रावत, आईजी आईटीबीपी और जन सम्पर्क अधिकारी कैलाश मानसरोवर यात्रा संजय गुंजियाल, पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊं मंडल रिद्धिम अग्रवाल,प्रबंध निदेशक कुमाऊं मंडल विकास निगम विनीत तोमर, जिलाधिकारी चम्पावत मनीष कुमार, जिलाधिकारी पिथौरागढ़ विनोद गोस्वामी, पुलिस अधीक्षक चम्पावत अजय गणपति मौजूद थे।
10 जुलाई को तिब्बत पहुंचेगा दल
यात्रा में 22 दिन का समय लगेगा।
शुरुआती चार दिन दिल्ली में रहकर स्वास्थ्य परीक्षण व दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया होती है। पांचवें दिन दिल्ली से 330 किमी चलकर टनकपुर पहुंचे यात्री धारचूला, गुंजी, नाभीढांग होते हुए 10 जुलाई को तिब्बत के तकलाकोट पहुंचेंगे।
एक-एक दिन गुंजी व तकलाकोट में आराम करेंगे।
वापसी में पिथौरागढ़ के बूंदी, चौकोड़ी होते हुए अल्मोड़ा, भीमताल से दिल्ली पहुंचेंगे।
पहला दल 21 जुलाई को यात्रा पूरी करेगा।
चार अगस्त को रवाना होने वाला अंतिम (पांचवां) दल 25 अगस्त को दिल्ली लौटेगा।