रविवार, 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करने जा रहे हैं। आज राजधानी दिल्ली में भारी बारिश और ठंडी हवाओं के बाद भले ही मौसम सुहाना हो गया हो लेकिन भाजपा और विपक्ष के नेताओं के बीच संसद की नई बिल्डिंग को लेकर सियासी तापमान चढ़ा हुआ है। नए संसद भवन को लेकर विपक्ष के नेताओं के बीच कई दिनों से जुबानी जंग जारी है। “शनिवार को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्षी नेताओं के बहिष्कार करने पर कहा कि प्रधानमंत्री एक दिन के बाद लोकतंत्र में नया संसद भवन देश को देने का काम करेंगे, वो अलग बात है कि कुछ लोगों के संसद आने पर रोक लग गई। कभी वे सदन न चलाने के बहाने ढूंढते थे, आज वे बहिष्कार करते हैं तो वहीं अपमानित करने का काम भी करते हैं” ।
बता दें कि देश के नए संसद भवन का 28 मई को उद्घाटन होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भवन का उद्घाटन करेंगे लेकिन अब इस खूबसूरत बिल्डिंग को लेकर देश में सियासत छिड़ गई है। वे पीएम मोदी की आलोचना कर रहे हैं। एनसीपी और कांग्रेस समेत 21 विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का एलान कर दिया है। इस सियासी ड्रामे के बाद एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने पहली बार अपनी स्थिति स्पष्ट की है।
शनिवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मोदी सरकार पर संसद भवन निर्माण के दौरान भरोसे में नहीं लेने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, मैं कई वर्षों से सांसद रहा हूं। हम अखबार में पढ़ते हैं कि एक नया संसद भवन बनाया जाएगा। इतना महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय संसद सदस्यों को भरोसे में लेने की जरूरत थी। पवार ने कहा कि भूमिपूजन के दौरान भी किसी को आमंत्रित नहीं किया गया। अब संसद भवन बनकर तैयार है। विपक्ष को भरोसे में लेना चाहिए था। इसलिए हम कुछ दलों के बहिष्कार करने के फैसले को स्वीकार करते हैं।