त्याग और समर्पण का दिन : बच्चों की जरूरतों को पूरा करते-करते पिता का स्वर्णिम समय कब बीत जाता है पता ही नहीं चलता - Daily Lok Manch PM Modi USA Visit New York Yoga Day
October 14, 2025
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त्याग और समर्पण का दिन : बच्चों की जरूरतों को पूरा करते-करते पिता का स्वर्णिम समय कब बीत जाता है पता ही नहीं चलता

(Happy father’s day) : बच्चों की जरूरतों को पूरा करते-करते पिता का स्वर्णिम समय कब गुजर जाता है पता ही नहीं चलता। पिता पूरी जिंदगी बच्चों के लिए ही समर्पित रहते हैं। बच्चे भी पिता की कमाई पर अपनी हर फरमाइश पूरा कर लेते हैं। पिता बच्चों को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। बच्चों के सपने और उनका अच्छा भविष्य बनाने के लिए अपनी खुशियों को भी दरकिनार कर देते हैं। बच्चों के लिए पापा का प्यार दुनिया में सबसे पवित्र प्यार है। बच्चों के लिए भी पापा से बढ़कर कुछ भी नहीं होता है। आज फादर्स डे है। फादर्स डे हर साल जून महीने के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। दुनिया भर में बच्चों के लिए पिता के बलिदान और त्याग की हजारों कहानियां हैं। ‘यूं तो मैंने बुलंदियों के हर निशान को छुआ, जब पापा ने गोद में उठाया तो आसमान को छुआ’। आज पिता-पुत्र के पवित्र प्यार का दिन ‘फादर्स डे’ है। पिता के प्यार और बलिदान के लिए हर साल ‘फादर्स डे’ मनाया जाता है। बच्चों की खुशियों के लिए पिता अपना पूरा जीवन न्योछावर कर देते हैं। मदर्स डे’ की तरह पिता के कर्तव्यों के निर्वहन के लिए उनके प्रति सम्मान और आभार प्रकट करने के लिए फादर्स डे मनाया जाता है। माता-पिता के प्रेम का वर्णन शब्दों में करना कठिन है । पिता अपने बच्चों के लिए रोल मॉडल भी होता है। पापा है तो दुनिया है खुशिया हैं, पिता के बिना जिंदगी वीरान होती है, तनहा सफर में हर राह सुनसान होती है । बच्चे पिता काे देखकर ही अपना रास्ता चुनते हैं। पिता भी बच्चाें के लिए खुद काे सर्वश्रेष्ठ उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करने के लिए रात-दिन एक कर देते हैं। ‘कष्ट सहकर भी पिता बच्चों के लिए हमेशा मुस्कुराते हुए नजर आते हैं’‌। पिता का प्यार और ‘आशीर्वाद’ बच्चों के लिए ताउम्र बना रहता है। हमारे जीवन में पिता का महत्व बेहद खास होता है। मां तो हमेशा अपने प्यार को दर्शा देती है, लेकिन ऊपर से सख्त रहने वाले पिता बहुत कम ही मौकों पर अपना प्यार दिखाते हैं‌ । पिता हमारे भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए अपने सपनों और ख्वाहिशों को भी भूल जाते हैं। पिता का प्यार और अनुशासन ही बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। बता दें कि फादर्स डे मनाने की तारीख साल दर साल बदलती है। भारत समेत अधिकतर देशों में फादर्स डे जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। बता दें कि स्पेन, पुर्तगाल में फादर्स डे का आयोजन 19 मार्च, ताइवान में 8 अगस्त, थाईलैंड में 5 दिसंबर को होता है ।

साल 1909 से फादर्स डे मनाने की हुई थी शुरुआत–

बता दें कि फादर्स डे मनाने की शुरुआत सबसे पहले अमेरिका से हुई थी। इस दिवस को मनाने के पीछे अलग-अलग मत हैं। माना जाता है वॉशिंगटन के स्पोकेन शहर में सोनोरा डॉड नाम की महिला ने अपने पिता की स्मृति में इस दिन की शुरुआत की थी। उनका पालन-पोषण उनके पिता ने पांच अन्य बच्चों के साथ सिंगल पैरेंट के तौर पर किया। उनकी मंशा पुरुषों के लिए मदर्स डे के जैसा आधिकारिक बराबरी की थी । पहली बार फादर्स डे 19 जून,1909 को मनाया गया था। 20 जून, 1910 को वाशिंगटन ने फादर्स डे के तौर पर इस दिन को घोषित किया। इसके बाद 1916 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने इस खास दिन को मनाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी। 1924 में राष्ट्रपति कैल्विन कुलिज ने फादर्स डे को राष्ट्रीय आयोजन घोषित किया। 1966 में राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने इसे जून के तीसरे रविवार को मनाने का फैसला लिया था। 1 मई, 1972 को राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने फादर्स डे के मौके पर राष्ट्रीय छुट्टी का एलान किया। पहला आधिकारिक फादर्स डे का कार्यक्रम 18 जून, 1972 को मनाया गया। तभी से विश्व भर में फादर्स डे बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाने लगा। फादर्स डे उत्सव पितृ बंधन, बच्चों के जीवन, परिवारों और समाज में बड़े पैमाने पर पिता की भूमिका पर जोर देता है। आओ फादर्स डे पर हम भी अपनी जिम्मेदारी निभाए अपने पिता को वह खुशियां लौटाएं, जिसकी उन्हें तलाश है।

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