उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। राजनीतिक दलों के नेता हार-जीत का मंथन करने में लगे हुए हैं। सबसे ज्यादा सपा खेमा मायूस है। अखिलेश यादव प्रदेश में सरकार बनाने की तैयारी में लगे हुए थे। लेकिन भाजपा ने फिर साइकिल पर ब्रेक लगा दिए । अखिलेश को इस बार भी सहयोगी दलों का साथ फायदे का सौदा नहीं रहा। साल 2017 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने राहुल गांधी से गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी को यूपी में 47 सीटें ही मिल सकी थी । उसके बाद अखिलेश यादव ने साल 2019 में मायावती के साथ हाथ मिलाया। लेकिन अखिलेश एक बार फिर घाटे में रहे। बसपा ने लोकसभा की 20 सीटें जीती जबकि समाजवादी 10 पर ही सिमट गई। इस बार अखिलेश ने रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी समेत अन्य दलों से हाथ मिलाया। गठबंधन दल अखिलेश को सत्ता नहीं दिला सके। यूपी चुनाव परिणाम के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट करके बयान जारी किया है। अखिलेश यादव ने ट्वीट में लिखा है, ‘उप्र की जनता को हमारी सीटें ढाई गुनी व मत प्रतिशत डेढ़ गुना बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद! हमने दिखा दिया है कि भाजपा की सीटों को घटाया जा सकता है। भाजपा का ये घटाव निरंतर जारी रहेगा। आधे से ज़्यादा भ्रम और छलावा दूर हो गया है बाकी कुछ दिनों में हो जाएगा, जनहित का संघर्ष जीतेगा। बता दें कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव यूपी में अपनी सरकार बनाने की तैयारी कर रहे थे लेकिन भाजपा ने उन्हें ऐसा करने नहीं दिया। बता देंगे चुनाव प्रचार के दौरान सीएम योगी और अखिलेश के बीच जमकर जुबानी जंग देखने को मिली। आखिरकार मुख्यमंत्री योगी अखिलेश पर भारी पड़ गए। विधानसभा चुनावों में सभी 403 सीटों के परिणाम सामने आ गए हैं। बीजेपी ने अकेले 255 सीटों पर जीत हासिल की है। बीजेपी की सहयोगी अपना दल को 12 और निषाद पार्टी को 6 सीटों पर जीत मिली है। अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी गठबंधन योगी सरकार को हराने में नाकाम रहा है। समाजवादी पार्टी को 111 सीटें, आरएलडी को 8 और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को 6 सीटों पर जीत मिली है। बीएसपी और कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। बीएसपी को एक और कांग्रेस को 2 सीटों पर जीत मिली है। इसके अलावा राजा भैया की जनसत्ता दल लोकतांत्रिक को 2 सीटों पर जीत मिली है।
