अपने दूसरे कार्यकाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों 100 दिन पूरे कर लिए। 4 जुलाई को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम योगी ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। कुछ दिनों पहले तक यूपी में योगी सरकार में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था। लेकिन तबादला (ट्रांसफर) की वजह से सियासी हलचल मच गई है। योगी सरकार के तीन मिनिस्टर नाराज बताए जा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर जितिन प्रसाद और जल शक्ति विभाग के राज्य मंत्री दिनेश खटीक की नाराजगी की वजह से सियासी तापमान गर्म है। चर्चा यह भी है कि राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने इस्तीफा दे दिया है? दिनेश खटीक इसलिए नाराज हैं कि अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते हैं। ऐसे ही उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और जितिन प्रसाद के विभागों में किए गए तबादलों से नाराजगी सामने आ रही है। सोमवार को जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल कुमार पांडे को सीएम योगी ने तत्काल प्रभाव से हटा दिया था। जिसके वजह से पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर जितिन प्रसाद नाराज बताए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बृजेश पाठक पिछले दिनों हैदराबाद में आयोजित भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में भाग लेने गए थे। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय में उत्तर प्रदेश के कई सीनियर डॉक्टरों के ट्रांसफर कर दिए गए। बता दें कि बृजेश पाठक के उपमुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ मिनिस्टर का भी विभाग संभाले हुए हैं। हेल्थ विभाग में ट्रांसफर बृजेश पाठक के बिना परमिशन के किए गए थे। तभी से बृजेश पाठक की नाराजगी बनी हुई है। इन तीनों मंत्रियों की नाराजगी के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नया ताजा फरमान भी जारी कर दिया है जिसकी वजह से इन सभी मंत्रियों में की नाराजगी और बढ़ गई है। ‘योगी ने मंत्रियों से कहा है कि वो अपने राज्यमंत्रियों से तालमेल रखें। योगी ने साथ ही मंत्रियों से कहा है कि वो अपने स्टाफ पर आंख मूंद कर भरोसा न करें’। एक नाराज मंत्री का आरोप है कि अधिकारी उनकी नहीं सुनते। बताया जा रहा है कि राजधानी दिल्ली में पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर जितिन प्रसाद आज अमित शाह से मुलाकात भी कर सकते हैं। योगी ने ट्वीट करके ये नसीहत अपने मंत्रियों को दी है। फिलहाल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सियासी तापमान काफी बढ़ा हुआ है।
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