इतिहास गवाह रहा है दो देशों के बीच शुरू हुई जंग की चिंगारी धीरे-धीरे कई देशों में फैल जाती है। यह भी सर्वविदित है कि इसमें नुकसान मानव समूह का ही होता है। फिलहाल रूस और यूक्रेन के बीच जंग खतरनाक मोड़ पर है। यूक्रेन में चारों तरफ तबाही का मंजर है। इसके साथ दुनिया में भी दहशत बढ़ती जा रही है। विश्व के महाशक्ति देशों में शामिल अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस दो धड़ों में बंट चुके हैं। यूक्रेन के साथ जारी युद्ध में रूस के साथ क्यूबा, ईरान, चीन अर्मेनिया, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और बेलारूस खड़े हुए हैं । वहीं दूसरी ओर नाटो में शामिल यूरोपियन देश बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, आइसलैंड, इटली, लग्जमबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, ब्रिटेन और अमेरिका पूरी तरह यूक्रेन का समर्थन में हैं। इसके अलावा जर्मनी, फ्रांस, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा भी यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं। वहीं भारत फिलहाल अभी तटस्थ वाली भूमिका में ही है। यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध का आज पांचवा दिन है। लेकिन दोनों देशों में से कोई एक झुकने को तैयार नहीं है। यूक्रेन की राजधानी कीव की तरफ रूस की सेना का 5 किमी लंबा काफिला तेजी से बढ़ रहा है। कीव पर रूस की सेना की कब्जे की तैयारी है। युद्ध को रोकने के लिए फिलहाल कोई रास्ता निकलता हुआ नहीं दिख रहा। हां रविवार शाम को मीडिया रिपोर्ट में खबर आई थी कि दोनों देश बेलारूस और यूक्रेन के बॉर्डर पर बातचीत के लिए तैयार हैं। फिलहाल आज भी रूस की ओर से यूक्रेन पर हमला लगातार जारी है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शांति के मूड में नहीं है। यूक्रेन पर सबसे बड़े हमले के लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने एटमी हथियारों से लैस यूनिट को हाई अलर्ट पर रखा है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कई देशों में शुरू हुआ विरोध–
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के फैसले की दुनिया के कई देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय संगठन भी आलोचना कर रहे हैं।अमेरिका ने रूसी नाटो ने पुतिन के एलान पर कड़ा विरोध जताया है। नाटो का कहना है कि पुतिन का परमाणु बलों को अलर्ट करना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। गैर जिम्मेदार तरीके से रूस दुनिया में डर और भय का माहौल बनाने की पूरी कोशिश कर रहा है। इस बीच अमेरिका ने भी उसको जवाब देने के लिए अब अपने स्ट्रेटजिक मिसाइल फोर्स को लड़ने के लिए अलर्ट पर रहने को कहा है। अमेरिका की स्ट्रेटजिक मिसाइल फोर्स में न सिर्फ परमाणु हथियार हैं बल्कि हाइपरसोनिक मिसाइलें भी शामिल हैं जो ध्वनि की गति से दस गुना तेजी से वार करने में सक्षम हैं। इस बीच यूक्रेन ने कहा है कि उसने अब तक 4,300 रूसी सैनिक मार गिराए और 146 टैंक, 27 विमान और 26 हेलिकॉप्टर तबाह किए हैं। वहीं, ब्रिटेन ने उन लोगों की मदद की बात कही है, जो यूक्रेन जाकर रूस के खिलाफ जंग में हिस्सा लेना चाहते हैं। दूसरी तरफ, इस टकराव को रोकने और रूस पर दबाव बनाने की कोशिशें भी चल रही हैं। इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र महासभा के स्पेशल इमरजेंसी सेशन में भेजने के लिए सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वोटिंग हुई। प्रस्ताव के पक्ष में 11 और विपक्ष में 1 वोट पड़ा। भारत, चीन और यूएई ने फिर वोटिंग से दूरी बनाए रखी। वहीं दूसरी ओर यूक्रेन की मदद के लिए आगे आया स्वीडन, सैन्य उपकरण और एंटी-टैंक लॉन्चर भेज रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार सुबह रूस और यूक्रेन के बीच जंग को लेकर हाई लेवल की मीटिंग की। वहीं आज एक और फ्लाइट यूक्रेन से 249 भारतीय नागरिकों को लेकर स्वदेश पहुंची।