हर महीने पूर्णिमा की रात आती है। यह चांदनी रात कहलाती है। चांद अपने पूरे यौवन पर रहता है, आसमान से लेकर पृथ्वी तक चंद्रमा अपनी रोशनी बिखेरता है। इसका नजारा और रातों से अलग होता है। बुधवार को गुरु पूर्णिमा थी। लेकिन इस बार का नजारा और भी भव्य था। इसका कारण है कि आधी रात 12 बजे ‘सुपरमून’ दिखाई दिया। पूरा आसमान रोशनी से नहाया हुआ। इसे देखने के लिए दुनिया इंतजार कर रही थी। कल रात चांद पृथ्वी के बहुत करीब था। इसके साथ चमकीला और बड़ा भी दिखाई दिया। देश में दिल्ली समेत कई शहरों में लोगों ने अपने अपने मोबाइल फोन से इस भव्य अद्भुत नजारे को कैद किया। सोशल मीडिया पर भी चमकीले चांद के वीडियो और फोटो शेयर किए गए। भारत के अलावा कई देशों में लोगों ने चमकीले चांद का दीदार किया। आमतौर पर ऐसा नजारा आसमान पर कम ही दिखाई पड़ता है। दिल्ली में भी अलग तस्वीर दिखाई दी। बीती रात साल का पहला सुपर मून दिखा। यूं तो हर पूर्णिमा को पूरा चांद यानी फुल मून दिखाई देता है, साल का पहला सुपर मून 15 प्रतिशत ज्यादा चमकीला नजर आया, तो इसका आकार भी सामान्य से 7 प्रतिशत बढ़ा हुआ था। बता दें कि सुपरमून तब होता है, जब पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी सबसे कम हो जाती है। इस वजह से चांद ज्यादा बड़ा और चमकीला दिखाई देता है। ऐसा ही संयोग पिछले महीने भी बना था, जब पूर्णिमा के दिन चांद का रंग पूरी तरह लाल हो गया था। नासा के मुताबिक भारत में सुपरमून दिखने का समय रात 12 बजकर 8 मिनट था। यह लगातार तीन दिनों तक नजर आएगा। दिलचस्प बात ये भी है कि इस बार का सुपरमून तब नजर आया जब सूरज पृथ्वी की कक्षा से सबसे दूर बिंदु पर रहा। रात में चांद और पृथ्वी की दूरी सबसे कम रही। जो दूरी सामान्य दिनों में 384,400 किलोमीटर होती है, सुपरमून के वक्त वो घटकर 3,57,264 किलोमीटर रह गई। इसी वजह से चांद ज्यादा बड़ा और भव्य दिखाई पड़ा।
