उत्तराखंड में एक बार फिर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने की संभावना बढ़ गई है। पिछले दिनों उत्तराखंड सरकार की ओर से पंचायत चुनाव की अधिसूचना भी जारी कर दी गई थी लेकिन ऐनमौके पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। आज एक बार फिर नैनीताल हाई कोर्ट ने अपनी ही लगाई गई रोक को हटा दिया है। अब एक बार फिर उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तस्वीर साफ हो गई है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण रोस्टर निर्धारण के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ में शुक्रवार को भी हुई। आज हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने चुनाव पर लगी रोक हटा दी है और चुनाव आयोग से पूर्व में जारी चुनाव कार्यक्रम को तीन दिन आगे बढ़ाते हुए चुनाव कार्यक्रम जारी करने को कहा है।
साथ ही सरकार को याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाये गए मुद्दों पर तीन हफ्ते के भीतर जबाव देने को कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर किसी प्रत्याशी को इसमे आपत्ति है तो वह कोर्ट में अपना पक्ष रख सकता है। आज हुई सुनवाई में ब्लॉक प्रमुख सीटों का आरक्षण निर्धारित करने व जिला पंचायत अध्यक्ष सीटों का आरक्षण निर्धारित न करने पर भी गम्भीर सवाल उठाए गए। कोर्ट को बताया गया कि ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव एक ही तरह से होता है।