(Cm Mamata Banerjee meeting) अगले महीने की 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष ने आज राजधानी दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में लंबी बैठक की। बैठक का आयोजन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने किया। इस बैठक में 16 विपक्षी पार्टी के नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक में कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआईएमएल, आरएसपी, शिवसेना, एनसीपी, राजद, एसपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, जद (एस), डीएमके, आरएलडी, आईयूएमएल और झामुमो के नेता शामिल हुए। बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे, रणदीप सुरजेवाला, शरद पवार, एचडी देवगौड़ा, अखिलेश यादव, महबूबा मुफ्ती, जयराम रमेश समेत कई दिग्गज नेता मौजूद थे। जानकारी के मुताबिक विपक्षी नेताओं की बैठक में गोपाल कृष्ण गांधी का नाम सबसे आगे चल रहा है। गोपाल कृष्ण राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते हैं। वे पश्चिम बंगाल के गवर्नर और आईएएस अधिकारी रह चुके हैं। गोपाल कृष्ण गांधी के अलावा विपक्षी नेताओं की बैठक में राष्ट्रपति उम्मीदवारी के लिए शरद पवार, फारूख अब्दुल्ला और यशवंत सिन्हा का नाम भी सामने आया था। शरद पवार ने खुद को किनारा कर लिया है। वे राष्ट्रपति के चुनाव में नहीं उतरना चाहते। एनसीपी के एक नेता ने बताया कि शरद पवार अपने आप को 2024 के लिए तैयार कर रहे हैं। ममता बनर्जी की अगुवाई में हुई इस बैठक में कई पार्टियों ने हिस्सा नहीं लिया। इनमें सबसे प्रमुख तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) है, जिसका नेतृत्व तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव कर रहे हैं। इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने भी इस बैठक से दूरी बनाई है। वहीं दूसरी ओर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को इस मीटिंग में नहीं बुलाए जाने से वह नाराज हो गए हैं।